सूक्ष्म सिचाई योजना के तहत विद्यमान लाभार्थियों के प्रोजेक्ट का भौतिक परीक्षण करेगी टीम

सूक्ष्म सिचाई योजना के तहत वर्ष 2014 से लेकर 2021 तक लाभ लेने वाले लाभार्थियों का भौतिक मूल्यांकन किया जाएगा। इसके लिए सिचाई बागवानी और मृदा संरक्षण विभाग के अधिकारियों की टीम गठित की गई है। टीम आगामी दो माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी और लाभार्थियों का पूर्ण विवरण इकट्ठा किया जाएगा। यह निर्देश उपायुक्त महावीर कौशिक ने शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में माइक्रो इरीगेशन काडा की जिला स्तरीय क्रियान्वन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। सरकार ने सूक्ष्म सिचाई को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों के लिए अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं लागू की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 07:00 AM (IST)
सूक्ष्म सिचाई योजना के तहत विद्यमान लाभार्थियों के प्रोजेक्ट का भौतिक परीक्षण करेगी टीम
सूक्ष्म सिचाई योजना के तहत विद्यमान लाभार्थियों के प्रोजेक्ट का भौतिक परीक्षण करेगी टीम

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

सूक्ष्म सिचाई योजना के तहत वर्ष 2014 से लेकर 2021 तक लाभ लेने वाले लाभार्थियों का भौतिक मूल्यांकन किया जाएगा। इसके लिए सिचाई, बागवानी और मृदा संरक्षण विभाग के अधिकारियों की टीम गठित की गई है। टीम आगामी दो माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी और लाभार्थियों का पूर्ण विवरण इकट्ठा किया जाएगा। यह निर्देश उपायुक्त महावीर कौशिक ने शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में माइक्रो इरीगेशन काडा की जिला स्तरीय क्रियान्वन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। सरकार ने सूक्ष्म सिचाई को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों के लिए अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं लागू की गई है। इन योजनाओं का किसानों तक लाभ पहुंचाने के लिए अधिकारी योजना बनाकर काम करें। उन्होंने विभाग से कहा कि जिला स्तरीय प्रबंधन प्लान तैयार करें और उसे वित्तीय वर्ष अनुसार क्रियांवित भी किया जाए।

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भौतिक जांच के लिए बनाई गई टीम

जिले में इन भौतिक परीक्षण करने के लिए सिचाई विभाग के एसडीओ, बागवानी विभाग के एसडीओ और मृदा संरक्षण के निरीक्षक की टीम बनाई गई है जो बागवानी के लिहाज से बनाए गए चार खंडों में काम करेगी। किसानों को जागरूक करने के लिए कार्यशाला और जागरूकता कैंप लगाने के निर्देश दिए और कहा कि योजना का लाभ हर किसान तक पहुंचाया जाए तथा उसे लाभ दिलाना सुनिश्चित करें।

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सूक्ष्म सिचाई योजना में तीन योजनाएं शामिल

सूक्ष्म सिचाई योजना में तीन योजनाएं शामिल है जिनमें पहली योजना के तहत वे किसान शामिल होंगे, जो अपनी कृषि भूमि में शत प्रतिशत सूक्ष्म सिचाई करने के लिए तैयार है तथा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) अथवा नहर के माध्यम से सिचाई कर रहे हैं। उन्हें विभाग द्वारा वाटर कोर्स, खेत में तालाब और खेत में सूक्ष्म सिचाई के लिए सब्सिडी दी जाती है। न्यूनतम 40 प्रतिशत तक की भूमि पर सूक्ष्म सिचाई अपनाने पर किसानों को 70 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। दूसरी योजना में खेत में तालाब, पाइप खाला, सोलर पंप और खेत में सूक्ष्म सिचाई तकनीक की स्थापना के साथ-साथ नहर आधारित परियोजनाओं के लिए है। तीसरी योजना उनके लिए है, जहां सिचाई के लिए ट्यूबवेल या किसी अन्य स्त्रोत जैसे तालाब या बावड़ी के पानी का उपयोग किया जाता है, यहां भी किसान की आवश्यकता अनुसार उसे सोलर पंप या सूक्ष्म सिचाई आदि के लिए सब्सिडी का प्रावधान है। उ

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अब तक 310 ने किया आवेदन

जिले में 310 किसानों ने इस योजना के तहत आवेदन दिया है। जिनमें से 54 आवेदन सत्यापित किए जा चुके हैं। शेष बचे आवेदनों को सत्यापित कर योजना की हिदायतोंनुसार लाभार्थियों को लाभ देने के निर्देश दिए। बैठक में जिप सीईओ अजय चोपड़ा, कार्यकारी अभियंता मनदीप सिंह, डीडीए डा. राजेश सिहाग, डीएचओ डा. कुलदीप श्योराण, एसडीओ दीपक कुमार, अश्वनी कुमार सहित काडा, सिचाई, बागवानी व मृदा संरक्षण विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

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