जिले के गांवों व खेतों में पानी निकासी की समस्या बरकरार, अधिकारी हीं ले रहे सुध

जागरण संवाददाता फतेहाबाद पिछले 3 दिनों से हुई भारी बारिश से जिले के 140 से अधिक गांव

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 11:04 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 11:04 PM (IST)
जिले के गांवों व खेतों में पानी निकासी की समस्या बरकरार, अधिकारी हीं ले रहे सुध
जिले के गांवों व खेतों में पानी निकासी की समस्या बरकरार, अधिकारी हीं ले रहे सुध

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : पिछले 3 दिनों से हुई भारी बारिश से जिले के 140 से अधिक गांवों में जलभराव की समस्या बरकार बनी हुई है। गांव भिरडाना, भूथनकलां, हसंगा, हडौली, अयाल्की, रजाबाद, माजरा, झलनियां सहित कई गांवों के घरों, अस्पताल और सरकारी स्कूल का ग्राउंड जलमग्न हो गए हैं। इसके बारे में सैंकड़ों ग्रामीणों ने 24 सितंबर को डीसी के नाम ज्ञापन दिया। इस मौके पर एडीसी को ज्ञापन देते हुए ग्रामीणों ने बताया कि लगातार बारिश से गांव के जल संग्रह के लिए आरक्षित जोहड़ और जोहड़िय़ों में पानी ओवर फ्लो होकर अस्पताल, सरकारी स्कूल और सैंकड़ों रिहायशी मकानों में घुस आया है, जिससे जान-माल की हानि का खतरा बना हुआ है। लोगों ने गुहार लगाई कि पानी की निकासी का तुरंत प्रबंध किया जाए। प्रशासन आसपास के खेतों के बोरवेल खोलने के लिए लोगों से अपील करे और तुरंत नए बोरवेल खाली ऊंची जगह में लगाकर पानी की निकासी की जाए। झलनियां से ग्रामवासी रामचंद्र लोहमरोड़, इन्द्राज मोगा, भिरडाना से राजकुमार भारतीय, राकेश कुमार, बीकर सिंह हडौली, छबीला राम, सुरेश ढाका, झंडू, पवन मायल, धर्मपाल, विनोद, संदीप, सोनू, तपा सिंह, सुरेश, आदि ने बताया कि पिछले दिनों हुई बरसात ग्रामीणों पर कहर बनकर टूटी है। लोगों के घर, खेतों के अलावा स्कूल व अस्पताल में भी पानी घुसने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने गांवों में पानी के प्राकृतिक बहाव को पुन: स्थापित करने की मांग करते हुए बताया कि नई गलियों के निर्माण से पूरे गांव में लेवल ऊंचा नीचा कर दिया गया है। खास तौर पर गांव भूथनकलां के मेन चौक से नीम वाले चौक तक का ढाल बिल्कुल खत्म कर दिया गया है, जिसके कारण गांव के बीच में नीम वाले चौक में बने हुए नए मकानों में पानी घुसा और उनमें दरारे आ गई है। पूरे गांव का सर्वे करके दशकों पुराना जो लेवल था, वह बहाल हो। उन्होंने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि जलभराव से क्षतिग्रस्त मकानों को तुरंत खाली करवाकर उनमें रह रहे लोगों को गांव की धर्मशाला, पंचायत घर, मंदिरों या खाली पड़े मकानों में शिफ्ट किया जाए। ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन को सूचना के बावजूद पिछले 24 घंटे में प्रशासन की ओर से किसी तरह की राहत के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। इस पर गांव के ही कुछ नौजवानों के साथ मिलकर रूढ सिंह ढाका ने अपने खेत का बोरवेल खोला ताकि पानी निकासी हो सके। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अगले 24 घंटे में पानी निकासी और राहत के लिए प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई तो सभी ग्रामवासियों को डीसी दफ्तर के बाहर बैठकर आंदोलन करना पड़ेगा। ग्रामीणों ने दशकों पहले बनाए गए प्राकृतिक बरसाती पानी के स्त्रोत जोहड़ और जोहडिय़ों की निशानदेही करके आरक्षित करने, भागचंद, गंगाजल बावरी व अन्य दर्जनों लोगों जिनके घर जलभराव से लगभग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, उन्हें तुरंत सहायता राशि देने तथा क्षतिग्रस्त सभी घरों और ढाणियों का भी आंकलन कर मुआवजा देने की मांग की है।

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