वक्त से दूर पक रही नयी शिक्षा नीति की खिचड़ी

लंबे अरसे के बाद तैयार राष्ट्रव्यापी शिक्षा नीति अमल के लिहाज से आज भी दूर की कौड़ी ही बनी है। तमाम तानाबाना के बावजूद शिक्षा का जमीनी वास्ता नहीं बन सका है। बस्ते में कौन-सी किताब होगी किताबों में क्या होगा पाठ्यक्रम क्या होंगे-ऐसे तमाम सवालात अनसुलझे ही हैं। शिक्षाविदों की राय में भी वक्त से दूर ही पक रही है नई शिक्षा नीति..। हालांकि स्कूली स्तर पर नई नीति की संवाहक संस्था राष्ट्रीय शिक्षण प्रशिक्षण एवं अनुसंधान परिषद अर्थात एनसीईआरटी ने अब जाकर कवायद की है। राज्यों को जिम्मेवारी सौंपी गई है। राज्य इकाई ने जिलों के कंधों पर जिम्मा सौंपा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 07:00 AM (IST)
वक्त से दूर पक रही नयी शिक्षा नीति की खिचड़ी
वक्त से दूर पक रही नयी शिक्षा नीति की खिचड़ी

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद

लंबे अरसे के बाद तैयार राष्ट्रव्यापी शिक्षा नीति अमल के लिहाज से आज भी दूर की कौड़ी ही बनी है। तमाम तानाबाना के बावजूद शिक्षा का जमीनी वास्ता नहीं बन सका है। बस्ते में कौन-सी किताब होगी, किताबों में क्या होगा, पाठ्यक्रम क्या होंगे-ऐसे तमाम सवालात अनसुलझे ही हैं। शिक्षाविदों की राय में भी वक्त से दूर ही पक रही है नई शिक्षा नीति..। हालांकि स्कूली स्तर पर नई नीति की संवाहक संस्था राष्ट्रीय शिक्षण, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान परिषद अर्थात एनसीईआरटी ने अब जाकर कवायद की है। राज्यों को जिम्मेवारी सौंपी गई है। राज्य इकाई ने जिलों के कंधों पर जिम्मा सौंपा है।

अब यह नीति कब धरातल पर उतरेगी, यह अंधेरे में है। लेकिन जिलों को नई नीति के तहत एनसीईआरटी की पुस्तक में शामिल किये जाने वाले विषय बांट दिये गए हैं। दिये गए टॉपिक पर ड्राफ्ट तैयार कर राज्य इकाई एससीइआरटी को भेजा जाएगा। फिर पाठ्यक्रम बनेगा। फतेहाबाद जिले का डाइट भी इनमें शामिल है। जिम्मेदारी को अंजाम तक लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

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डाइट तैयार करेगा भाषा शिक्षा व मिश्रित शिक्षण एवं अध्यापन

मताना स्थित डाइट को भाषा शिक्षा तथा मिश्रित शिक्षण एवं अध्यापन का टॉपिक दिया गया है। भाषा शिक्षा में क्या शामिल हो इस पर सुझाव लेकर रिपोर्ट कंपाइल की जाएगी। यह एक लंबी प्रक्रिया होगी, इसमें संदेह नहीं।

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कम से कम सौ प्रबुद्धजनों से ली जाएगी राय

डाइट मताना की प्रिसिपल संगीता बिश्नोई बताती हैं कि मात्रश्याम की संस्था को नोडल बनाया गया है। पाठ्यक्रम के विषय-वस्तु के लिए कम से कम सौ प्रबुद्ध नागरिकों की सलाह ली जाएगी। प्रश्नावली बनाई गई है। प्रबुद्ध जनों से पूछे जाएंगे सवाल। फिर उसे कंपाइल कर रिपोर्ट भेजी जाएगी।

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यूं बनेगी टॉपिक पर रायशुमारी की बात

डाइट ने इस नई जिम्मेवारी पर काम करना शुरू कर दिया है। संस्थान ने टीम गठन की प्रक्रिया अपनाई है। कुछ स्टाफों की टीम होगी जिन्हें कुछ एरिया आवंटित किये जाएंगे। खंड स्तर पर बनाने की तैयारी पूरी हो चुकी है।

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हां, हमारे पास राज्य शिक्षण, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद से गाइडलाइन आयी है। सलाह-मशविरा के उपरांत रिपोर्ट कंपाइल की जाएगी। वक्त पर इसे भेज दिया जाएगा। - संगीता बिश्नोई, प्रिसिपल, डाइट।

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