चंडीगढ़ में धूल फांक रही चार साल पुरानी महाग्राम योजना की फाइल

सुरेश सोलंकी भट्टूकलां सुंदर से सुंदर योजना अफसरशाही की हीलाहवाली के कारण फाइलो

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 11:23 PM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 06:18 AM (IST)
चंडीगढ़ में धूल फांक रही चार साल पुरानी महाग्राम योजना की फाइल
चंडीगढ़ में धूल फांक रही चार साल पुरानी महाग्राम योजना की फाइल

सुरेश सोलंकी, भट्टूकलां : सुंदर से सुंदर योजना अफसरशाही की हीलाहवाली के कारण फाइलों में ही दम तोड़ जाती है। ऐसा ही हाल हुआ है केंद्र व राज्य सरकार की सहभागिता वाली गांवों के विकास पर आधारित महाग्राम योजना का। चार साल पुरानी इस योजना की फाइल चंडीगढ़ में बाबुओं के दफ्तर की धूल फांक रही है। भट्टूकलां के दस हजार से अधिक बाशिदों की आशाएं योजना की नींव पानी व सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में डूब गई हैं। यहां जब तक स्थानीय अफसरों की मेज पर फाइल नहीं आती कलम चल नहीं सकती। इसे विडंबना की पराकाष्ठा ही कहेंगे कि चार साल पुरानी योजना चार कदम भी नहीं चल पाई। लोगों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए थीं, मिल नहीं पा रही है। इस योजना के तहत गांवों का विकास शहर की तरह होना था। लेकिन अब तो एक गांव जैसी सुविधा इन गांवों को नहीं मिल रही है। ऐसा भी नहीं कि पंचायत ने अपने स्तर पर प्रयास नहीं किए। प्रयास तो बहुत किए लेकिन चंडीगढ़ से फाइल निकालने की हिम्मत किसी ने नहीं की। अब विधायक दुड़ाराम ने भट्टू के लोगों को भरोसा दिया है कि वे विधानसभा में यह मुद्दा उठाएंगे और इस फाइल को वो खुद लेकर आएंगे।

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यह है महाग्राम योजना

केंद्र सरकार व राज्य सरकार ने वर्ष 2016 में एक ऐसी योजना शुरू की जिसे महाग्राम योजना दी गई। 2011 जनगणना के अनुसार उन गांवों को लिया गया जिसकी आबादी 10 हजार से अधिक थी। जिसमें भट्टूकलां का भी नाम भी स्थानीय अधिकारियों ने भेजा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उसे शहर जैसा विकसित करना था। सीवरेज लाइन, ट्रीटमेंट प्लान, पेयजल व्यवस्था व आधुनिक स्ट्रीट लाइट लगनी थी। लेकिन चार साल से यह योजना केवल कागजों में ही सिमट कर रह गई है।

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अब भट्टू मंडी का क्या हाल है

एक वक्त था जब यह विधानसभा क्षेत्र होता था। लेकिन समय के अनुसार इसे तोड़ दिया गया। अब तो यह भट्टूकलां व भट्टूमंडी में बंट गया है। इन दोनों गांवों की जनसंख्या 20 हजार से अधिक है। जाखल मंडी को कुछ समय पूर्व ही नपा का दर्जा भी मिला। लेकिन भटटूकलां क्षेत्र की अनदेखी की जा रही है। करीब 20 साल पहले यहां पर सीवरेज लाइन डाली गई। उस समय पाइप का साइज छोटा होने के कारण हर दिन ब्लॉक होती रहती है और सड़कों पर पानी भरा रहता है। कई बार लोग विधायक के पास भी गए लेकिन हुआ कुछ नहीं है। गांव में स्ट्रीट लाइट तक की व्यवस्था नहीं है। ग्राम पंचायत के पास जो रुपये आता है उससे केवल सड़कें व गलियां ही पक्की होती है।

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वर्जन::::::::

चार साल से प्रयास क्यों नहीं किए ये मुझे पता नहीं है। मैं अब इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएगा। चुनाव लड़ने से पहले ही इस योजना का ध्यान था। भट्टूकलां को चुनने के बाद स्थानीय अधिकारियों ने फाइल भी भेज दी थी। लेकिन यह फाइल पास होकर क्यों नहीं आई पता नहीं। विधानसभा का सत्र शुरू होते ही इस योजना को सबसे पहले लागू करवाया जाएगा।

- चौधरी दुड़ाराम, विधायक फतेहाबाद।

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वर्जन:::::::::

इस योजना को लेकर पंचायत समिति द्वारा 4 एकड़ भूमी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए प्रस्ताव पास कर दो साल पूर्व दी गई थी। वर्तमान में यहां सीवरेज जाम की समस्या आबादी बढ़ने के चलते प्रतिदिन बनी रहती है। जिसके लिए यह योजना बहुत जरुरी है। अब सीवरेज व पेयजल संबंधित समस्या के लिए 4 साल से कोई कार्य नहीं हो पाये है। जब अधिकारियों के पास जाते है तो कहते है महाग्राम योजना में शामिल है लेकिन अब तक इस योजना के तहत एक पैसा भी यंहां नहीं लगा है।

-बंशीलाल, सरपंच भट्टूमंडी।

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वर्जन::::::::::::

जब में इस योजना की जानकारी लेने के लिए जाता हूं तो एक ही जवाब मिलता है कि फाइल चंडीगढ़ रुकी हुई है। मेरे को चंडीगढ़ में कोई नहीं जानता। ऐसे में अधिकारी ही इस फाइल को निकलवा सकते हैं। उम्मीद है कि अब नए विधायक बने है तो काम भी पूरा हो जाएगा।

-रोशन लाल, सरपंच भट्टूकलां।

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