सफेद पट्टी तक पहुंचीे झाड़िया, हादसे का डर
हिसार-सिरसा हाइवे की सफेद पट्टी तक झाड़िया पहुंच गई हैं। इससे वाहन चालकों के लिए खतरा बढ़ गया है। परेशानी की वजह है कि जिले में बड़ी संख्या में नीलगाय व अन्य बेसहारा पशु विचरण करते है। जो झाड़ियों में छिपे रहते है। अचानक वाहनों के सामने आ जाते है। इससे वाहन असंतुलित होकर पेड़ों के टक्कारा जाता है। कई बार वाहन आपस में भी भीड़ जाते है। पिछले एक महीने में गांव धांगड़ के पास ही अकेले झाड़ियों की वजह से तीन हादसे हुए। इससे वाहन तो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए ही वहीं सवारियों को भी गहरी चोट लगी। उसके बाद भी न तो राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण झाड़ियां हटाने के लिए अभियान शुरू किया न ही जिला प्रशासन मनरेगा के तहत अभियान चला रहा है।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
हिसार-सिरसा हाइवे की सफेद पट्टी तक झाड़िया पहुंच गई हैं। इससे वाहन चालकों के लिए खतरा बढ़ गया है। परेशानी की वजह है कि जिले में बड़ी संख्या में नीलगाय व अन्य बेसहारा पशु विचरण करते है। जो झाड़ियों में छिपे रहते है। अचानक वाहनों के सामने आ जाते है। इससे वाहन असंतुलित होकर पेड़ों के टक्कारा जाता है। कई बार वाहन आपस में भी भीड़ जाते है। पिछले एक महीने में गांव धांगड़ के पास ही अकेले झाड़ियों की वजह से तीन हादसे हुए। इससे वाहन तो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए ही वहीं सवारियों को भी गहरी चोट लगी। उसके बाद भी न तो राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण झाड़ियां हटाने के लिए अभियान शुरू किया न ही जिला प्रशासन मनरेगा के तहत अभियान चला रहा है।
गांव धांगड़ से भोड़ा होसनाक तक दोनों तरफ हाईवे के झाड़िया बड़ी संख्या में लगी हुई है। इसी क्षेत्र में वन्य जीव बड़ी संख्या में रहते है। हाईवे होने के कारण वाहन तेज गति से चलते है। लेकिन झाड़ियों के पास व रोड पार करते हुए नीलगाय व अन्य जंगली जीव वाहनों की चपेट में आ जाते है। इससे वाहन चालकों को भारी नुकसान होता है।
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मनरेगा से झाड़िया हटाकर पौधे लगाने की मांग :
हाईवे के साथ लगी झाड़िया व पहाड़ी कीकर को हटाकर लोगों की पौधे लगाने की मांग की है। वाहन चालकों का कहना है कि अब मनरेगा से कार्य चल रहा है। उसके बाद भी कार्य नहीं करवाया जा रहा। उन्होंने मांग कि सरकार अब बारिश के मौसम में इन झाड़ियों को हटाए। अब बारिश होने के बाद ये सफेद पट्टी पार कर जाएंगे। इससे बड़ी संख्या में हादसे होंगे।
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प्राधिकरण करता देखभाल पर लाखों रुपये खर्च, फिर भी समस्या :
गांव धांगड़ के अनिल, फतेहाबाद के मनोज व पंकज ने बताया कि नेशनल हाईवे प्राधिकरण के अधिकारी फोरलेन की साफ-सफाई के लिए लाखों रुपये खर्च करते है। उसके बाद भी झाड़ियों को नहीं हटाया जा रहा। इससे उन्हें अक्सर परेशानी होती है। अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
--------------------- मनरेगा का कार्य पंचायतों के प्रस्तावों पर होता है। अब जिन गांव की सड़कों व गांव के गुजरते हाइवे पर झाड़ियों है तो इसके लिए संबंधित पंचायते प्रस्ताव भेजेगी तो मनरेगा के तहत मस्ट्रोल बनाते हुए कार्य करवाया जा सकता है। पहले ही मनरेगा के तहत कार्य होते रहे है। -
- सौरभ, एपीओ, मनरेगा।