टोहाना में 46 वर्षीय व्यक्ति में दिखे ब्लैक फंगस के लक्षण, स्वजन गुरुग्राम लेकर गए

कोरोना वायरस पहले ही जिलावासियों को डरा रहा है और अब ब्लैक फंगस की बीमारी भी आ गई है। जिससे स्वास्थ्य विभाग भी परेशान है। पिछले सात दिनों में जिले में ब्लैक फंगस का यह दूसरा मामला है। हालांकि सिरसा में तीन मरीज फतेहाबाद के मिल चुके हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग केवल एक ही मामला मान रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 07:58 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 07:58 PM (IST)
टोहाना में 46 वर्षीय व्यक्ति में दिखे ब्लैक फंगस के लक्षण, स्वजन गुरुग्राम लेकर गए
टोहाना में 46 वर्षीय व्यक्ति में दिखे ब्लैक फंगस के लक्षण, स्वजन गुरुग्राम लेकर गए

जागरण टीम, टोहाना व फतेहाबाद।

कोरोना वायरस पहले ही जिलावासियों को डरा रहा है और अब ब्लैक फंगस की बीमारी भी आ गई है। जिससे स्वास्थ्य विभाग भी परेशान है। पिछले सात दिनों में जिले में ब्लैक फंगस का यह दूसरा मामला है। हालांकि सिरसा में तीन मरीज फतेहाबाद के मिल चुके हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग केवल एक ही मामला मान रहा है।

सोमवार को टोहाना के अनाज मंडी निवासी 46 वर्षीय व्यक्ति में ब्लैक फंगस के लक्षण दिखे। जिसे स्वास्थ्य विभाग ने अग्रोहा रेफर कर दिया। लेकिन स्वजन उसे गुरुग्राम के निजी अस्पताल में लेकर चले गए है। व्यक्ति को डेढ़ महीने पहले कोविड हुआ था और अब पिछले कुछ दिनों से ठीक था। लेकिन पांच दिनों से चेहरे पर लाल रंग के धब्बे के साथ आंखों में सूजन भी आ गई। जिसके बाद व्यक्ति के स्वजनों ने टोहाना के नागरिक अस्पताल में मरीज को लेकर गए। वहां पर एसएमओ डा. हरविद्र सागू ने मामले की जांच कर ब्लैक फंगस बताया और उसे अग्रोहा रेफर कर दिया। लेकिन स्वजन उसे गुरुग्राम लेकर चले गए।

एसएमओ हरविद्र सागू ने बताया कि ब्लैक फंगस का आशक्ति मरीज मिला है। जिसकी जांच के लिए अग्रोहा भेजा था। लेकिन स्वजन अपने आप ही उसे गुरुग्राम लेकर चले गए है।

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फतेहाबाद शहर में एक मामला पहले भी मिल चुका है

करीब सात दिन पहले 45 साल की एक महिला में भी ब्लैक फंगस की बीमारी मिल चुकी है। महिला के शरीर पर काले रंग के धब्बे होने के साथ ही आंखों में सूजन आ गई थी। जिसके बाद डाक्टरों ने उसे रोहतक रेफर कर दिया था। लेकिन स्वजन उसे तीन दिन बाद रोहतक लेकर चले गए। अब इस महिला का उपचार रोहतक के पीजीआई में चल रहा है।

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अब जाने क्या है ब्लैक फंगस

कोरोना मरीजों में फंगस इन्फेक्शन जिसे 'ब्लैक फंगस इन्फेक्शन' कहा जा रहा है। यह इंफेक्शन तेजी फैलता है और पीड़ितों की आंखों की रोशनी चली जाती है। इसके अलावा कुछ अंग काम करना भी बंद कर सकते हैं। चिकित्सकों का मानना है कि पूरे शरीर में लाल रंग के निशान हो जाते है और मुंह पर काले रंग के धब्बे हो जाते है। अगर समय रहते अगर आपरेशन हो तो शरीर के कुछ अंगों को बचाया जा सकता है। अगर इलाज ना हो तो मरीज की मौत भी हो सकती है।

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ब्लैक फंगस रोग होने के ये है कारण

ब्लैक फंगस बीमारी के बढ़ने के तीन प्रमुख कारण हैं। कोरोना, डायबिटीज और स्टेरॉयड का ज्यादा इस्तेमाल किया जाना। किसी को कोरोना हो जाए, साथ में दूसरी बीमारियां पहले से हों तो उसकी रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। बाहरी इंफेक्शन से शरीर मुक़ाबला नहीं कर पाता। इससे यह बीमारी ज्यादा होने की संभावना है। डायबिटीज के मरीजों को ऐसी दवाएं दी जाती हैं, जिनसे इम्युनिटी कम हो जाती है। इसके अलावा स्टेरॉयड की अधिकता के कारण यह रोग आने का मुख्य कारण माना गया है।

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