धारसूल कलां की सुंदरता में अतिक्रमण का दाग

कुलां प्रशासन की भूमि पर अतिक्रमण के चलते गांवों का विकास बाधित हो रहा है

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 May 2019 04:00 AM (IST) Updated:Wed, 22 May 2019 06:39 AM (IST)
धारसूल कलां की सुंदरता में अतिक्रमण का दाग
धारसूल कलां की सुंदरता में अतिक्रमण का दाग

संवाद सूत्र, कुलां : प्रशासन की भूमि पर अतिक्रमण के चलते गांवों का विकास बाधित हो रहा है। क्षेत्र में अधिकतर गांवों में अतिक्रमण की समस्या आम है। अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद है कि वह बेखौफ होकर इसे बढ़ावा दे रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बदलाव की नीति को लेकर हालांकि पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा विकास कार्यों को गति देने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि अतिक्रमण इसमें बाधा उत्पन्न कर रहा है।

गांव धारसूल कलां में गंदगी का पर्याय बन रहीं जोहड़ की एक एकड़ 7 कनाल भूमि पर ग्राम पंचायत द्वारा पिछले दिनों शहीद के नाम पर सुंदर पार्क निर्माण करने का निर्णय लिया है। जबकि अतिक्रमण के चलते यह प्रक्रिया अधर में है। प्रतिनिधियों की शिकायत के बाद भी अधिकारियों द्वारा अतिक्रमणकारियों पर कार्यवाही अमल में नहीं लाई जा रही है। प्रशासन के इस रवैये के चलते पार्क का निर्माण कार्य आरंभ करने में देरी हो रहीं हैं।

उल्लेखनीय है कि गांव की शहीद उधम सिंह सेवा समिति द्वारा करीब दो माह पूर्व गांव में शहीद के नाम पर पार्क निर्माण करने का प्रस्ताव ग्राम पंचायत के समक्ष रखा गया था। ग्राम पंचायत की सहमति से पार्क निर्माण का यह प्रस्ताव पारित कर दिया गया था। ग्राम पंचायत द्वारा जोहड़ की खाली भूमि पर पार्क बनाने की योजना बनाई है। जबकि जोहड़ की उक्त भूमि पर गांव के कुछ लोगों द्वारा यहां पशुओं का गोबर आदि रखकर अतिक्रमण किया हुआ है। इससे यहां जोहड़ का दायरा कम हो गया है। वहीं यह गंदगी का पर्याय बना है। इससे स्थानीय लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। पार्क निर्माण की योजना पर ग्रामवासियों द्वारा राहत की सांस ली गईं थीं। जबकि अतिक्रमण के चलते इसमें देरी हो रहीं है। बता दें कि ग्राम पंचायत द्वारा इससे पूर्व अपने स्तर पर अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण हटाने को कहा गया था। जबकि इसके बाद भी अतिक्रमणकारियों पर कोई प्रभाव नहीं होने पर करीब डेढ़ माह पहले शहीद उधम सिंह सेवा समिति द्वारा प्रशासन के उच्च स्तर के आला अधिकारियों को शिकायत देकर अतिक्रमण हटाने की मांग की गईं थी। जबकि प्रशासन के ढुलमुल रवैये के चलते अभी तक अतिक्रमणकारियों पर कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है।

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