कुम्हारियां में सैनिक देते हैं युवाओं को प्रशिक्षण

जागरण संवाददाता फतेहाबाद गांव के युवाओं को नशे से बचाने व सेना में भर्ती करने के लिए क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 08:13 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 06:17 AM (IST)
कुम्हारियां में सैनिक देते हैं युवाओं को प्रशिक्षण
कुम्हारियां में सैनिक देते हैं युवाओं को प्रशिक्षण

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

गांव के युवाओं को नशे से बचाने व सेना में भर्ती करने के लिए कुम्हारिया गांव में युवाओं को सुबह व शाम सैनिक ट्रेनिग दे रहे है। ताकि युवा अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके। ये गांव के युवा सैनिक है फिलहाल छुट्टी पर आए हुए है। गांव में 40 से अधिक सैनिक है। जवान नियमित अंतराल पर छुट्टी आते रहते है। जो गांव में छुट्टी आता है वह बड़ोपल रोड पर बने खेल स्टेडियम में युवाओं को ट्रेनिग देता है। जिसकी बदौलत पिछले तीन साल से 10 से अधिक युवा सेना में भर्ती हुए है। इतना ही नहीं युवा खेलों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने लग गए है।

अभियान की शुरुआत में युवाओं ने मिलकर खेल स्टेडियम की हालत सुधारी। खराब बड़ी जिम को भी ठीक करवाया। उनकी मेहनत अब रंग लाने लगी है। उनसे ट्रेनिग लेने के लिए कुम्हारिया के अलावा गांव काजल हेड़ी व साबरवास के युवा भी आ रहे हैं। फिलहाल गांव में आर्मी में कार्यरत बलजीत पूनिया छुट्टी आए हुए है। वे युवाओं को सुबह शाम ट्रेनिग दे रहे है। युवा अब आगामी भर्ती के लिए पूरे उत्सुक है। युवा सुबह व शाम को कड़ी मेहनत करते है। इसके लिए उन्हें सेना के लिए जरूरी हर प्रकार की ट्रेनिग मिल जाती है। यह सब युवाओं को निशुल्क दी जाती है, ताकि वे अपना भविष्य उज्जवल बना सके। इतना ही नहीं वे युवा कठिन शारीरिक ट्रेनिग करने के बाद नशे सहित अन्य सामाजिक बुराई से दूर रहते है।

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अब स्टेडियम को छह एकड़ के विस्तार देने का लक्ष्य : कस्वां

आशानाथ युवा क्लब के प्रधान संदीप कस्वां ने बताया कि उनके गांव में चार एकड़ में स्टेडियम बना हुआ है। इसके चलते यह पंचायती राज विभाग के अधीन आता है। खेल विभाग के अनुसार कम से कम छह एकड़ जमीन में स्टेडियम बना हुआ होना चाहिए। अब वे पंचायत की साथ लगती दो एकड़ जमीन स्टेडियम को देने के लिए पंचायत से आग्रह करेंगे। उस दो एकड़ जमीन पर फुटबाल के मैदान का निर्माण करवाया जाएगा। उसके बाद खेल विभाग के अधीन स्टेडियम आने के बाद उसके स्थायी तौर पर कोच की नियुक्ति हो जाएगी।

------------------ युवाओं को नशे से बचाने के लिए हमने प्रयास शुरू किए है। उम्मीद है कि ये क्रम लगातार जारी रहेगा। उनसे पहले जो सैनिक घर पर छुट्टी आए थे वे भी युवाओं को ट्रेनिग दे रहे है। ये क्रम लंबे समय से चल रहा है। इससे युवाओं को फायदा मिला। वहीं युवाओं को सेना में जाने के प्रति क्रेज जबरदस्त है। ऐसे में युवाओं को ट्रेनिग देकर मन खुश हो जाता है। सुबह शाम अभ्यास करने वाले युवा खतरनाक नशे से दूर रहते है। उनका भी उद्देश्य युवाओं को नशे से दूर रखना है।

- बलजीत पूनिया, सैनिक आर्मी, गांव कुम्हारियां

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