गुरु तेग बहादुर ने धर्म की रक्षा करते हुए अपना बलिदान दिया : प्रो. रविन्द्र सिंह

मनोहर मेमोरियल स्नातकोत्तर महाविद्यालय द्वारा लाकडाउन में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को लेकर आयोजित ऑनलाइन वेबिनार में पंजाबी विभाग द्वारा गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश उत्सव को लेकर गुरु तेग बहादुर साहब के बलिदान की चिरस्थायी प्रासंगिकता विषय पर आनलाइन वेब टाक का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 07:00 AM (IST)
गुरु तेग बहादुर ने धर्म की रक्षा करते हुए अपना बलिदान दिया : प्रो. रविन्द्र सिंह
गुरु तेग बहादुर ने धर्म की रक्षा करते हुए अपना बलिदान दिया : प्रो. रविन्द्र सिंह

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद

मनोहर मेमोरियल स्नातकोत्तर महाविद्यालय द्वारा लाकडाउन में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को लेकर आयोजित आनलाइन वेबिनार में पंजाबी विभाग द्वारा गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश उत्सव को लेकर गुरु तेग बहादुर साहब के बलिदान की चिरस्थायी प्रासंगिकता विषय पर आनलाइन वेब टाक का आयोजन किया गया।

वेब टाक में मुख्य वक्ता के तौर पर डा. रविन्द्र सिंह, प्रोफेसर डिपार्टमेंट आफ पंजाबी, दयाल सिंह कालेज, यूनिवर्सिटी आफ दिल्ली ने भाग लिया और गुरु तेग बहादुर जी के जीवन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। पंजाबी विभागाध्यक्ष कैप्टन रजनी वर्मा की देखरेख में आयोजित इस वेब टाक का संचालन अमनदीप सिंह ने किया। कालेज प्राचार्य डा. गुरचरण दास ने वेब टाक में भाग ले रहे वक्ताओं का धन्यवाद किया और वेब टाक के सफल आयोजन पर पंजाबी विभाग को बधाई दी। प्रो. रविन्द्र सिंह ने कहा कि भारतीय सभ्यता बहुत पुरानी है। यह इतनी मजबूत सभ्यता है जोकि बिना किसी ब्रेक के लगातार चलती आ रही है जबकि पश्चिमी सभ्यताओं में काफी ब्रेक आते रहते हैं। हमारी सभ्यता हमारे रोजमर्रा के व्यवहार, हमारी बोली, हमारे कार्यों, हमारी स्मृतियों और हमारे त्योहारों में झलकती है। हमारी सभ्यता का असर मानवता, मनुष्य के अंदरूनी जीवन, उसकी सोच, उसकी विचारधारा पर पड़ा हुआ है। गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान पर अपने विचार रखते हुए प्रो. रविंद्र सिंह ने कहा कि बलिदान देने के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जा सकता। अपनी इच्छा और खास संकल्प के साथ ही बलिदान दिया जाता है। गुरु तेग बहादुर ने भी धर्म की रक्षा करते हुए अपना बलिदान दिया।

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