शहर के अधिकतर हिस्सों में 30 साल पहले बिछाई गई सीवरेज लाइन, पानी निकासी की व्यवस्था तक नहीं

अगले कुछ दिनों में जिले में मानसून की बरसात शुरू हो जाएगी। मानसून के दिनों में एक सप्ताह से लेकर दो सप्ताह तक लगातार बरसात होती है। ऐसे में आने वाले दिनों में जलजमाव के लिए शहरवासियों को तैयार रहना होगा। शहर में सीवरेज लाइन छोटी होने के कारण पानी की निकासी समय पर होना मुश्किल है। अधिकारी मान रहे हैं कि सीवरेज लाइन छोटी होने के कारण थोड़ी सी बरसात में ही पानी भर जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 07:00 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 07:00 AM (IST)
शहर के अधिकतर हिस्सों में 30 साल पहले बिछाई गई सीवरेज लाइन, पानी निकासी की व्यवस्था तक नहीं
शहर के अधिकतर हिस्सों में 30 साल पहले बिछाई गई सीवरेज लाइन, पानी निकासी की व्यवस्था तक नहीं

जागरण संवादददाता, फतेहाबाद :

अगले कुछ दिनों में जिले में मानसून की बरसात शुरू हो जाएगी। मानसून के दिनों में एक सप्ताह से लेकर दो सप्ताह तक लगातार बरसात होती है। ऐसे में आने वाले दिनों में जलजमाव के लिए शहरवासियों को तैयार रहना होगा। शहर में सीवरेज लाइन छोटी होने के कारण पानी की निकासी समय पर होना मुश्किल है। अधिकारी मान रहे हैं कि सीवरेज लाइन छोटी होने के कारण थोड़ी सी बरसात में ही पानी भर जाता है।

शहर के अधिकतर क्षेत्रों में 30 साल पहले सीवरेज लाइन डाली गई थी। लेकिन तहसील चौक आदि क्षेत्र में तो 40 साल पहले डाली हुई सीवरेज लाइन ही चल रही है। अधिकारी मजबूर है। पहले वाली लाइन को निकालना मुश्किल है। अगर पाइप लाइन को बाहर निकाला गया तो अनेक मकानों में दरारें भी आ जाएंगी। यहीं कारण है कि अब जो व्यवस्था है उसी से ही काम चल रहा हे।

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इन क्षेत्रों में स्थिति ज्यादा खराब

जब भी बरसात होती है तो शहर के तीन से चार प्वाइंट ऐसे है जहां पानी दो फुट तक भर जाता है। उसमें जवाहर चौक व बीघड़ रोड है। यहां से पानी निकासी के लिए कोई प्रबंध नहीं है। यह शहर का सबसे नीचा क्षेत्र भी है। ऐसे में पानी के बहाव को भी नहीं रोका जा सकता। वही कबीर बस्ती, अशोक नगर व जाट धर्मशाला के सामने सीवरेज लाइन की सफाई तक नहीं हुई है। पिछले दिनों आई बरसात के कारण यहां पर सीवरेज ओवरफ्लो हो गए थे। अगर इस बार भी यही हालात रहे तो स्थित भयानक हो सकती है। मानसून की बरसात लंबे समय तक चलती है तो पंप सेट भी नाकाम हो जाएंगे। इसके अलावा अरोड़वंश धर्मशाला, भट्ट रोड व माडल टाउन में भी थोड़ी सी बरसात में पानी सड़कों पर भर जाता है।

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बरसात खत्म होने के बाद पूरे शहर से निकलेगा पांच घंटे में पानी

जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो शहर में बरसात बंद होने के पांच घंटे बाद पूरे शहर से पानी निकलेगा। ऐसे में अगर बरसात पूरे दिन होती रही तो शहर की सड़कों से गुजरना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा हो रहा है। जब अधिकारियों को पता है कि मानसून आने वाली है तो तैयारी पहले क्यों नहीं की। बरसात होने के बाद पानी निकासी के लिए पंप सेट लेकर भागते रहते है। अगर समय रहते पहले कदम उठाया जाए तो शहरवासियों को भी परेशानी नहीं आएगी।

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रिचार्ज बोर भी पड़े बंद

जनस्वास्थ्य विभाग ने शहर में करीब 10 रिचार्ज बोर करीब 6 साल पहले लगवाए थे। ये सभी रिचार्ज बोर बंद पड़े है। नप की तरफ से लालबत्ती चौक, बीघड़ चौक, जवाहर चौक, एमएम कालेज के सामने, रतिया रोड सहित कुछ अन्य जगहों पर बोर करवाए गए थे। इन रिचार्ज बोर की देखरेख न होने के कारण ये बंद पड़े है। अगर बरसात अधिक हो गई और शहर से जलनिकासी नहीं हुई तो पानी कैसे निकलेगा पता तक नहीं है। पिछले दिनों बरसात से पानी भर गया था। उसके बाद भी अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली है।

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बरसाती निकासी के लिए नहीं अलग से पाइप लाइन

नियम के अनुसार शहर में बरसाती निकासी के लिए अलग से पाइप लाइन होनी चाहिए। पहले नाले होते थे जिसकी सहायता से बरसाती पानी निकलता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अगर सीवरेज लाइन बड़ी है तो उससे भी पानी निकासी हो सकती है। लेकिन पूरे शहर में सीवरेज लाइन छोटी है। इस कारण यहां से पानी निकासी नहीं हो रहा है। पिछले दिनों अरोड़वंश धर्मशाला रोड पर जल निकासी की पाइप लाइन बिछानी थी। लेकिन यहां पर जनस्वास्थ्य विभाग ने सीवरेज लाइन बिछा दी। जिससे अब सीवरेज व बरसाती पानी एक साथ जाएगा।

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पूरे शहर में सीवरेज लाइन बिछाई गई है। पानी निकासी के लिए अलग से कोई भी पाइप लाइन नहीं है। यहीं कारण है कि बरसात होने के बाद पूरे शहर में पानी भर जाता है। इसके अलावा खैराती खेड़ा रोड पर जो बूस्टिग स्टेशन है वो भी छोटा है। मोटर छोटी होने के कारण पानी की खिचाई भी कम होती है। ऐसे में बरसात बंद होने के बाद पूरे शहर से पानी निकलने में चार से पांच घंटे लग रहे हैं।

आशीष गर्ग, एसडीओ, जनस्वास्थ्य विभाग एवं अभियांत्रिकी विभाग

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