61 हजार एकड़ में वेस्ट डी कंपोजर से मिला जाएंगे फसलों में अवशेष

प्रदेश में पांच लाख एकड़ में धान के अवशेष वेस्ट डी कंपोजर दवा का छिड़काव करके खेतों में मिलाया जाएगा। इसके लिए यूपीएल कंपनी व पूसा द्वारा मिलकर अभियान चलाया जाएगा। यूपीएल कंपनी के मशीन खेतों में दवा का छिड़काव करेगी वहीं पूसा दवा मुहैया करवाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 05:55 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 05:55 PM (IST)
61 हजार एकड़ में वेस्ट डी कंपोजर से मिला जाएंगे फसलों में अवशेष
61 हजार एकड़ में वेस्ट डी कंपोजर से मिला जाएंगे फसलों में अवशेष

जागरण संवाददाता, जाखल / फतेहाबाद :

प्रदेश में पांच लाख एकड़ में धान के अवशेष वेस्ट डी कंपोजर दवा का छिड़काव करके खेतों में मिलाया जाएगा। इसके लिए यूपीएल कंपनी व पूसा द्वारा मिलकर अभियान चलाया जाएगा। यूपीएल कंपनी के मशीन खेतों में दवा का छिड़काव करेगी, वहीं पूसा दवा मुहैया करवाएगी। इसके लिए किसान से किसी प्रकार का खर्च नहीं लिया जाएगा। यह अभियान फतेहाबाद के 48 हजार एकड़ में चलेगा। इसके लिए किसानों ने अपना पंजीकरण कंपनी के एप पर करवा दिया है। वहीं कृषि विभाग के अधिकारी भी 13 एकड़ में अभियान चलाते हुए किसानों को वेस्ट डी कंपोजर वितरित करेंगे। इसकी शुरूआत जाखल से हो गई। टोहाना में कंपनी व पूसा ने मिलकर अब तक 1 हजार से अधिक एकड़ में दवा का छिड़काव कर दिया। इसका परिणाम सार्थक आ रहे है। किसान थोड़े से भी जागरूक हुए तो भी अवशेष जलाने की परेशानी का समाधान हो जाएगा। जिले में करीब ढाई लाख एकड़ में धान की खेती की हुई है। इसके 30 से 50 फीसद किसान हर बार फसलों के अवशेष जलाते है। इस बार अवशेष न जलाए। इसके लिए किसानों के अवशेष खेत अवशेष मिलाए जाएंगे।

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अधिकारियों का दावा 15 दिनों में जमीन में मिल जाएंगे अवशेष :

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पूसा विश्वविद्यालय द्वारा वेस्ट डी कंपोजर बनाया गया है। किसानों को अपना धान की फसल का हार्वेस्ट करने के उपरांत या तो खुद इसका स्प्रे करें या फिर यूपीएल कंपनी से संपर्क करें। एक एकड़ में 300 ग्राम वेस्ट डी कंपोजर दवा 500 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। इसके बाद खेत में सिचाई कर दे। अधिकारियों का दावा है कि 15 दिनों के अंदर अवशेष जमीन में मिल जाएगा। किसान इसके उपरांत गेहूं या अन्य फसल की बुवाई कर सकते है। वही निजी कंपनी यूपीएल की नेचुरल फार्म ने स्प्रे मशीन से पूसा डी कंपोजर का छिड़काव निशुल्क खेतों में करवाया जा रहा है।

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जमीन की बढ़ेगी उर्वरा शक्ति, प्रदूषण भी नहीं होगा :

पूसा की वेस्ट डी कंपोजर से जमीन में उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। इसका फायदा किसानों को मिलेगा। वहीं प्रदूषण न होने से आमजन को बड़ी राहत मिलेगी। टोहाना में कृषि विभाग के अधिकारी डा. अजय ढिल्लों व कंपनी के अधिकारी संदीप कुमार ने जाखल क्षेत्र में वेस्ट डी कंपोजर के छिड़काव का अभियान चलाया हुआ है। उनका कहना है कि 1 स्प्रे मशीन प्रतिदिन 20 एकड़ से अधिक में छिड़काव करती है। यूपीएल की जिले में 400 से अधिक मशीनें है। जो किसान कंपनी से संपर्क कर रहा है। उसके खेत में निशुल्क छिड़काव किया जा रहा है। किसान से किसी प्रकार के रुपये नहीं लिए जाते। छिड़काव के लिए दवा पूसा की ओर से मिलती है। ऐसे में किसानों को इस योजना का लाभ उठाते हुए जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ानी चाहिए।

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जिले में 61 हजार एकड़ में वेस्ट डी कंपोजर दवा का प्रयोग करते हुए अवशेष मिलाया जाएगा। गत वर्ष इसका ट्रायल हुआ था जो बड़ा कारगर साबित था। इस बार 48 हजार एकड़ में यूपीएल कंपनी व 13 हजार एकड़ कृषि विभाग के अधिकारी दवा का छिड़काव करवाते हुए अवशेष जमीन में मिलाएंगे। इसके लिए बड़ी संख्या में किसान जुड़े है। वहीं प्रदेश में 5 लाख एकड़ से अधिक में इस दवा का छिड़काव करते हुए अवशेष जमीन में मिलाए जाएंगे।

- डा. राजेश सिहाग, उपनिदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग।

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