राजनीतिक शह पर टोहना डार्क जोन में मिलते रहे किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन

जागरण संवाददाता फतेहाबाद टोहाना डार्क जोन आज से नहीं पिछले एक दशक से है। उसके ब

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 07:54 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 07:54 AM (IST)
राजनीतिक शह पर टोहना डार्क जोन में मिलते रहे किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन
राजनीतिक शह पर टोहना डार्क जोन में मिलते रहे किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

टोहाना डार्क जोन आज से नहीं पिछले एक दशक से है। उसके बाद भी टोहाना में न केवल ट्यूबवेल लगाए जा रहे है। बल्कि बिजली निगम ने किसानों को कनेक्शन जारी किए। ये कनेक्शन साधारण किसान को नहीं मिलते थे। ये कनेक्शन उन किसानों को दिए गए। जिनकी राजनीतिक पहुंचे थी। यानी किसी राजनीतिक दल से जुड़े हुए बड़े जमीदार थे। वे राजनीतिक पहुंच व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर गड़बड़ी करते हुए कनेक्शन लंबे समय से ले रहे थे। सत्ता में कोई हो। उन्होंने इसके लिए रास्ता भी निकाल लिया। जिले में भू जल विभाग का कहीं अधिकारी नहीं है। अधिकारी तो दूर इस विभाग से संबंधित कार्यालय तक नहीं। उसके बाद भी कनेक्शन लेने के लिए इस विभाग से एनओसी भी ले लेते थे। बिना विभाग से एनओसी लेकर करीब 89 कनेक्शन पिछले कुछ वर्षो में ले लिए गए।

अब इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों को हुई तो पूरे प्रकरण की जांच हुई। जिसमें सामने आया कि फतेहाबाद में जिन किसानों डार्क जोन के किसानों को कनेक्शन जारी हुए है। उनमें निगम के अधिकारियों की मिलीभगत अधिक है। ऐसे में उनके बिना गड़बड़ी नहीं हो सकती। अब एक बार तो दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने जिले के 8 अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। उनमें से दो एसडीओ, दो जेई व 4 क्लर्क शामिल है। यह कार्रवाई निगम के चीफ इंजीनियर नवीन वर्मा की विभागीय जांच में सामने आया है।

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जिले के अधिकारियों ने साधा मौन :

फतेहाबाद से एक साथ बिजली निगम के एसडीओ रैंक के अधिकारी समेत 8 कर्मचारियों को निलंबित करने की सूचना गत सप्ताह आ गई थी। लेकिन इस मामले को दबाने का खूब प्रयास किया गया। जिले के अधीक्षण अभियंता अनुपम कटियार, टोहाना के कार्यकारी अभियंता सहित सभी अधिकारियों ने मौन धारण कर लिया। जिले के अधिकारी इस मामले में अभी तक अनभिज्ञता जाहिर कर रहे। अधिकारी अपने स्तर पर अपने कर्मचारियों को बचाने का खूब प्रयास किया। वहीं हिसार बैठे उच्चाधिकारियों ने भी मामले के बारे में जानकारी देने से बचते रहे। यहां तक कि निलंबित कर्मचारियों के नाम तक सार्वजनिक नहीं किए।

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डार्क जोन में नहीं लगाए जा सकते ट्यूबवेल :

जिले का टोहाना ब्लाक डार्क जोन में शामिल है। जिस क्षेत्र में जल स्तर 60 मीटर से अधिक गहरा होता है। उस क्षेत्र को सरकार डार्क जोन में शामिल कर लेती है। ऐसे में डार्क जोन में ट्यूबवेल कनेक्शन तो दूर किसान को साधारण ट्यूबवेल लगाने तक रोक है। लेकिन निगम के अधिकारी जिला भू-जल विभाग की कथित एनओसी पर मंजूरी देते रहे। जबकि जिले में इसका कार्यालय तक नहीं।

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टोहाना व जाखल एसडीओ से विधायक बबली व किसान थे खफा :

जाखल के किसानों ने पिछले महीने लगातार 7 दिनों तक धरना दिया। जिसमें किसानों ने आरोप लगाया कि जाखल के एसडीओ किसानों पर अधिक लोड की मोटर होने पर जुर्माना लगा रहा है। अकेले जाखल सब डिविजन में उन्होंने 65 से अधिक किसानों पर अधिक लोड के चलते जुर्माना लगा दिया था। जिसमें बाद किसानों ने प्रदर्शन किया। किसानों का जुर्माना माफ हुआ। जिन्होंने जुर्माना भरा हुआ था उनके रुपये भी वापस किए जा रहे है। उस दौरान किसानों ने विधायक बबली को अवगत करवाया था कि बिजली निगम के अधिकारी रुपये लेकर ट्यूबवेल कनेक्शन देते है। वहीं लोड बढ़ाने के लिए भी किसान से मोटे रुपये लेते है। इसके बाद विधायक ने उच्चाधिकारियों से इस मामले में बात की। उसके बाद जांच हुई तो खुलासा हुआ।

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विधायक ने खुद लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप :

करीब दो महीने पहले विधायक देवेंद्र बबली ने बिजली निगम के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के खुद आरोप लगाए थे। इसका बकायदा वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। वीडियो वायरल में देवेंद्र बबली फोन पर बातचीत करते हुए सामने वाले व्यक्ति को टोहाना बिजली निगम के कर्मचारियों व अधिकारियों पर 200 से 500 रुपये तक लेने का आरोप लगाया था। अब इस प्रकरण को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

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निलंबित कर्मचारियों के नाम जिले के अधिकारियों के पास :

प्रदेश सरकार हर प्रकार के भ्रष्टाचार को रोक रही है। डार्क जोन में कनेक्शन देने के मामले में बड़े स्तर पर अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित किए गए हैं। उनके नाम अभी मेरे पास नहीं है। सभी के नाम संबंधित अधिकारियों के पास भेज दिए गए है।

- आरके सोढ़ा, डायरेक्टर, डीएचबीपीएन, हिसार

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