मंडियों में बिखरा पड़ा 70 हजार क्विंटल से अधिक धान

जिले में लंबे समय से जमे खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी परमल धान की खरीद को प्रभावित कर रहे है। यू कहे कि ये अधिकारी बाधा बन रहे है तो गलत नहीं होगा। एक तो सरकारी धान की खरीद देरी से करना। उसके बाद भी अधिकारी खरीद प्रक्रिया का धीमा किया गया हुआ है। जिले में महज 14 हजार क्विंटल परमल धान की खरीद हुई है। जबकि आन रिकार्ड अनाज मंडियों में पिछले कुछ दिनों से 70 हजार क्विंटल धान की आवक हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 10:40 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 10:40 PM (IST)
मंडियों में बिखरा पड़ा 70 हजार क्विंटल से अधिक धान
मंडियों में बिखरा पड़ा 70 हजार क्विंटल से अधिक धान

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

जिले में लंबे समय से जमे खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी परमल धान की खरीद को प्रभावित कर रहे है। यू कहे कि ये अधिकारी बाधा बन रहे है तो गलत नहीं होगा। एक तो सरकारी धान की खरीद देरी से करना। उसके बाद भी अधिकारी खरीद प्रक्रिया का धीमा किया गया हुआ है। जिले में महज 14 हजार क्विंटल परमल धान की खरीद हुई है। जबकि आन रिकार्ड अनाज मंडियों में पिछले कुछ दिनों से 70 हजार क्विंटल धान की आवक हो गई। लेकिन खरीद एजेंसी किसानों से धान की खरीद नहीं कर रही। इससे अनाज मंडियां धान की ढेरियों से अटी पड़ी है। लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है। व्यापार मंडल व किसान यूनियन भी इसको लेकर गंभीर नहीं है।

जिले में गत वर्ष 11 अक्टूबर तक डेढ़ लाख क्विंटल परमल धान की खरीद हुई थी। लेकिन इस बार इस सीजन में 14 हजार क्विंटल। जाखल सहित कई अनाज मंडियों में चंद क्विंटल ही धान खरीदा गया है। ऐसे में किसान हताश है। किसानों का कहना है कि अधिकारी खरीद नहीं करवा रहे। खरीद एजेंसी नमी अधिक बताने के साथ मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल भी सही से कार्य नहीं कर रहा। वहीं 1509 किस्म के धान की खरीद अब तक 3 लाख 90 हजार क्विंटल हो गई। जो गत वर्ष से अब तक 55 हजार क्विंटल अधिक हैं। किसानों का कहना है जब निजी खरीददार 1509 किस्म का धान खरीद रहे है तो सरकारी एजेंसी परमल धान क्यों नहीं खरीद रही।

---------------------

नमी अधिक बताकर नहीं खरीदा जा रहा धान :

परमल धान की खरीद के लिए तीन सरकारी एजेंसियों को जिम्मेदारी दी हुई है। फिलहाल सभी एजेंसी किसानों के धान में नमी अधिक बता रही है। ऐसे में मंडी में आया हुआ धान नहीं खरीदा जा रहा। वहीं व्यापार मंडल के वरिष्ठ पदाधिकारी गुरदीप अमृतसरियां का कहना है कि पोर्टल भी सही से नहीं चला रहा। पोर्टल पर किसान का पंजीकरण होने के बाद मंडी में फसल बेचने के दौरान फिर से टोकन की जरूरत पड़ती है। लेकिन अब वह पूरी तरह पोर्टल प्रभावित है।

-------------------------------

नरमा की आवक गत वर्ष की तुलना में ढाई गुणा अधिक

जिले में अब तक मंडी में नरमे की आवक 35 हजार क्विंटल हो गई हैं। जबकि गत वर्ष इस दौरान 13 हजार क्विंटल ही आवक हुई थी। इस बार नरमे का भाव अधिक होने गेहूं की खरीद प्रभावित हुई है। किसान अब नरमा बेच रहे है। अधिकांश किसान तो जितना उत्पादन हुआ है उसे बेच दिया। ऐसे में अभी भाव बढ़ेगा। इसकी वजह है कि नरमा प्रति एकड़ 2 क्विंटल से औसत उत्पादन कम आ रहा है। ऐसे में किसान नरमा की फसल कुछ समय रोककर बेचे तो अधिक भाव मिलेगा।

--------------

बाजरा 1300 रुपये क्विंटल बिक रहा

अनाज मंडी में बाजरा महज 1300 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। जिले में अब तक 850 क्विंटल बाजरे की प्राइवेट खरीद हुई है। सरकार द्वारा बाजरे पर भावांतर भरपाई योजना का लाभ देने के बाद भी किसानों को 1900 रुपये क्विंटल का ही भाव मिलेगा। जबकि समर्थन मूल्य 2250 है। वहीं फतेहाबाद अनाज मंडी में अभी तक मूंग, मक्का की खरीद नहीं हुई।

---------------------------

सरकार के निर्देशानुसार सही से खरीद हो रही है। इस बार सरकारी खरीद देरी से शुरू हुई। इसलिए किसानों ने धान अपने घरों में अधिक स्टाक कर लिए। जो किसान मंडी में धान लेकर आ रहे उनको किसी प्रकार की परेशानी नहीं आ रही है। नमी नियमानुसार होने पर खरीद की जा रही है। किसान कम नमी का धान लेकर आएंगे, तभी सरकारी एजेंसी खरीदेगी।

- विनीत जैन, जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक, फतेहाबाद।

----------------------------

chat bot
आपका साथी