चार साल से अधर में लटका पंचायत संसाधन केंद्र का भवन

लघु सचिवालय के साथ बनी अधिकारियों की आवासीय कालोनी। आवासीय कालोनी के मुख्य द्वार पर पांच वर्ष पहले पंचायत संसाधन केंद्र बनना शुरू हुआ था। जो अभी पूरा नहीं हुआ। चार साल से तो बजट के अभाव में काम रुका हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि रुपये आने के बाद काम पूरा करवाया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 07:04 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 07:04 AM (IST)
चार साल से अधर में लटका पंचायत संसाधन केंद्र का भवन
चार साल से अधर में लटका पंचायत संसाधन केंद्र का भवन

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

लघु सचिवालय के साथ बनी अधिकारियों की आवासीय कालोनी। आवासीय कालोनी के मुख्य द्वार पर पांच वर्ष पहले पंचायत संसाधन केंद्र बनना शुरू हुआ था। जो अभी पूरा नहीं हुआ। चार साल से तो बजट के अभाव में काम रुका हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि रुपये आने के बाद काम पूरा करवाया जाएगा।

कभी पंचायत संसाधन केंद्र का भवन प्रशासन का ड्रीम प्रोजेक्ट था। इसकी महत्ता इस लिए अधिक थी कि जिले में सरकारी ऐसा हॉल बने जाने से सांसद या मंत्री को अधिकारियों बैठक लेने में आसानी होगी। अब ऐसा हॉल नहीं जिसमें जिला बनने के 23 वर्ष बाद भी मंत्री व सांसद अधिकारियों की बैठक ले सके। मजबूरी में कालेज या अन्य संस्थाओं के हॉल में जाकर बैठक आयोजित करनी पड़ती है। ऐसे में पंचायत संसाधन केंद्र का भवन बनकर तैयार हो जाता है तो इससे अनेक परेशानी हल हो जाती। सरकार का उद्देश्य भी यही था कि संसाधन केंद्र में हर प्रकार की प्रशिक्षण शिविर का आयोजन तो होगा ही। वहीं 10 बनने वाले बड़े कमरों में विभाग भी संचालित किया जा सकते है। पंचायत संसाधन केंद्र के भवन में आसानी 500 से अधिक लोगों के लिए बैठक के लिए बेहतरीन हॉल का निर्माण शुरू हुआ। लेकिन प्रशासनिक व राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव में 5 साल बाद भी एक भवन बनकर तैयार नहीं हुआ।

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भ्रष्टाचार व अधिकारियों की मनमानी के चलते आ रही परेशानी :

अधिकारियों की आवासीय कालोनी के साथ बन रहे पंचायत संसाधन केंद्र का शुभारंभ तत्कालीन टोहाना के विधायक सुभाष बराला ने 1 अप्रैल 2016 को किया था। उस दौरान 10 कमरे व एक हॉल पर 3 करोड़ 27 लाख रुपये की लागत आना संभावित थी। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ तो अधिकारी ने प्रस्तावित डिजाइन में मामूली बदलाव कर दिया। हालांकि कमरे व हाल तो पहले जीतने रहे, लेकिन डिजाइन में बदलाव करने के बाद संसाधन केंद्र का बजट करीब 4 करोड़ 70 लाख रुपये हो गया। ऐसे में न तो काम पूरा हुआ न ही डिजाइन के अनुरूप बजट मिला।

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पूरा होने से पहले ही कंडम होने लगा भवन :

चार साल से बिना किसी देखभाल के पड़े भवन कंडम होने लगा है। कई जगह क्रेक आ गई हैं। अधिकारियों ने जल्द से सुध नहीं ली तो पंचायत संसाधन भवन बिना किसी प्रयोग के ही पूरी तरह खराब हो जाएगा। परेशानी यह है कि भवन में गेट व खिड़किया भी सही से नहीं लगाई गई।

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ये अटके हैं काम

पंचायत संसाधन भवन के कई कार्य रुके हुए है। अभी तक भवन की छत पक्की नहीं हुई। वहीं खिड़की, गेट का रूका हुआ। इसके बाद रंग-रोगन का काम होना है। न ही अभी तक संसाधन हॉल के लिए बिजली का कनेक्शन हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि करीब डेढ़ करोड़ रुपये बजट रुका हुआ है। ऐसे में बजट जारी होने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू होगा।

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पंचायत संसाधन भवन का निर्माण बजट के अभाव में रुका हुआ है। बजट के लिए फाइल भेजी हुई है। उम्मीद है कि जल्द सरकार बजट जारी करेंगे। इसके बाद कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

- कुलवीर सिंह, कार्यकारी अभियंता, पंचायती राज विभाग।

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