करवा चौथ पर्व को लेकर महिलाएं हाथों पर छपवा रही डिजाइनदार मेहंदी
जागरण टीम फतेहाबाद नवरात्रों व दशहरे पर्व के बाद अब करवा चौथ पर्व को लेकर बाजारों म
जागरण टीम, फतेहाबाद :
नवरात्रों व दशहरे पर्व के बाद अब करवा चौथ पर्व को लेकर बाजारों में रौनक बनी हुई है। जिसके चलते प्रत्येक दुकान पर खरीददारी के लिए आई महिलाओं की भीड़ देखी जा सकती है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला करवा चौथ का पर्व इस बार 24 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। वहीं उनके द्वारा सोलह श्रृंगार कर भगवान शंकर और माता पार्वती की आराधना की जाती हैं। वहीं महिलाएं इस दिन चौथ माता की कथा भी सुनती हैं। करवा चौथ पर्व को लेकर बाजारों में इन दिनों रौनक लगी हुई है।
पिछले वर्ष कोरोना महामारी के चलते व्रत एवं त्योहारों पर काफी असर पड़ा है, जिस कारण कारोबारियों और दुकानदारों को काफी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन इस बार दुकानदारों को आशा है कि कारोबार ठीक होगा और महिलाएं खूब खरीदारी करेंगी। जिसके चलते कास्मेटिक का सामान बेचने वालों, रेडीमेड गारमेंट्स से लेकर साड़ी शोरूम तक तथा कंगन के साथ ही ज्वैलर्स की दुकानों पर भी महिलाओं का जमावडा देखा गया। वहीं कपड़े व जूतों की दुकानों पर भी रौनक देखने को मिल रही है। ब्यूटी पार्लरों में एडवांस बुकिग
महिलाओं द्वारा करवा चौथ पर सजने-संवरने के काम आने वाली वस्तुओं की खरीदारी की जा रही है, वहीं पूजन से संबंधित सामग्री की भी खरीदारी की जा रही है। वहीं महिलाएं दुकानों बाहर बैठे मेंहदी लगाने वालों से अपने हाथों को मेंहदी से डिजाइन बनवाकर सजाती देखी गई। जबकि ब्यूटी पार्लर कुछ दिन पहले तक सूने नजर आ रहे थे, लेकिन इस पर्व को लेकर वहां भी महिलाओं का तांता लगा हुआ है। इसके अलावा ब्यूटी पार्लरों में एडवांस बुकिग हो रही है। वहीं मेहंदी लगाने वालों ने रेट भी बढ़ा दिए है। करवा चौथ पर शुभ मुहूर्त
रोहिणी नक्षत्र में चांद निकलेगा और पूजन होगा। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस साल 24 अक्टूबर रविवार को सुबह 3 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगी। जो अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। इस दिन चांद निकलने का समय 8 बजकर 11 बजे है। पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 55 से 8 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। करवा चौथ व्रत की पूजा विधि
सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें। इसके बाद सरगी के रूप में मिला हुआ भोजन करें, पानी पीएं और गणेश जी की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें। इसके बाद शाम तक न तो कुछ खाना और नहीं पीना है। पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवा रखें। एक थाली में धूप, दीप, चंदन, रोली, सिदूर रखें और घी का दीपक जलाएं. पूजा चांद निकलने के एक घंटे पहले शुरू कर दें। इसके बाद चांद के दर्शन कर व्रत खोलें।