नप प्रशासन बजट की कमी के चलते शहर को कैटल फ्री बनाने में हुआ असफल

जासं टोहाना नगर परिषद प्रशासन भले ही शहर से बेसहारा पशुओं को बार-बार काबू कर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 10:41 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 10:41 PM (IST)
नप प्रशासन बजट की कमी के चलते शहर को कैटल फ्री बनाने में हुआ असफल
नप प्रशासन बजट की कमी के चलते शहर को कैटल फ्री बनाने में हुआ असफल

जासं, टोहाना :

नगर परिषद प्रशासन भले ही शहर से बेसहारा पशुओं को बार-बार काबू कर उन्हें नंदीशाला व गोशाला में भेजने का काम कर रहा है, लेकिन मौजूदा समय में आज भी शहर के प्रत्येक चौराहे व भीड़भाड़ वाले स्थानों पर यह बेसहारा पशु राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बने हुए है। जिनके कारण आये दिन हादसे होने पर लोग चोटिल हो रहे है। हालांकि शहर के विभिन्न सामाजिक व व्यापारिक संगठन समय-समय पर इस मुद्दे को लेकर प्रशासन के समक्ष अपनी आवाज उठाकर इस समस्या के समाधान की मांग कर चुके है। नप प्रशासन द्वारा इसका स्थाई समाधान न किये जाने के कारण आज भी ये बेसहारा पशु सड़कों के बीच विचरते हुए लोगों की जान का खतरा बने हुए है।

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ये है बेसहारा पशुओं के शरण स्थल

ये बेसहारा पशु शहर में भीड़भाड़ वाले बाजारों सहित रेलवे रोड पर स्थित नहरों के पुलों पर, बस स्टैंड चौक, कैंची चौक, अंबेडकर चौक, महाराजा अग्रसेन चौक, शास्त्री बाजार, मिलन चौक, नया बाजार, गांधी चौक, नेहरू मार्केट, सहित कल्पना चावला पार्क, रेलवे रोड़, जवाहर गली, बक्शी गली, पुरानी तहसील रोड, गुरुद्वारा

गली, तहसील रोड, पंजाबी कालोनी, आदि क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं। जबकि यह पशु कई बार हिसक होने पर आपस में भिड़ जाने से राहगीरों तथा वाहन चालकों को घायल कर देते हैं। इसके अलावा यह पशु शहर की मुख्य सड़कों पर गंदगी फैलाने से वातावरण को भी प्रदूषित कर रहे है।

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शिव नंदीशाला इन पशुओं के रखरखाव में करता है सबसे ज्यादा सहयोग

कैंची चौक के पास स्थित शिव नंदीशाला प्रबंधन समय-समय पर नप प्रशासन का सहयोग कर, सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं को नंदीशाला में लाकर उनके चारे सहित सार-संभाल कर रहा है। लगभग 7-8 एकड़ भूमि में बनी अस्थाई नंदीशाला में इस समय लगभग 1600 से अधिक गोवंशों की सारसंभाल का जिम्मा संस्था द्वारा उठाया हुआ है। जिसमें नंदी के साथ-साथ गाय व बछड़े भी शामिल है। नगर परिषद द्वारा बार-बार शहर में अभियान चलाकर बेसहारा पशुओं को काबू कर उन्हें नंदीशाला में पहुंचाया जा रहा है, लेकिन पंजाब सीमावर्ती क्षेत्र के लोग रात के समय गोवंशों को सीमा पर छोड़ जाते है, जिससे शहर से इनको मुक्त कर पाना नप प्रशासन व नंदीशाला के लिए यह कार्य असंभव हो रहा है। जबकि नप प्रशासन द्वारा गोवंशों के चारे के लिए बजट जारी ना करने से संस्था भी और पशु रखने में असमर्थ है।

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बेसहारा पशु जगह-जगह गंदगी बिखेर कर, कर रहे है वातावरण को प्रदूषित-

शहर में इन दिनों लगभग 700 बेसहारा पशु शहर की विभिन्न कालोनियों, मुख्य मागरें तथा मुख्य चौराहों पर विचरण करते हुए देखे जा सकते है। नप प्रशासन सब कुछ देखते हुए भी आंख मूंदे बैठा है। यदि प्रशासन ने शहर में घूम रहे आवारा पशुओं पर जल्द अंकुश ना लगाया तो शहर प्रतिदिन फैलने वाली गंदगी से पैदा होने वाली महामारी की चपेट में आ सकता है।

- नवजोत ढिल्लो, जिलाध्यक्ष, गौ रक्षादल हरियाणा, टोहाना।

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क्या कहते है नप सफाई निरिक्षक-

नप प्रशासन समय-समय पर सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं को नंदीशाला व गोशालाओं में भेजने का अभियान चलाता रहता है। उन्होंने बताया कि नप प्रशासन के पास गोशालाओं को प्रदान किये जाने वाले बजट की कमी के चलते समस्या आ रही है। इस बारे में उन्होंने नप प्रशासन एसडीएम को भी अवगत करवाया हुआ है। जैसे ही बजट आयेगा, शहर में घूम रहे गोवंशों को नंदीशाला संचालकों व शहर की तमाम गोशालाओं के संचालकों के सहयोग से बेसहारा पशुओं को काबू कर उन्हें नंदीशाला व गोशालाओं में भेजने का काम किया जाएगा।

- अजैब सिंह, सफाई निरिक्षक, नप टोहाना।

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