अब जिला परिषद की बैठक नहीं, होगा विधानसभा की तरह सत्र, 27 विभागों के अधिकारी रहेंगे मौजूद

जागरण संवाददाता फतेहाबाद प्रदेश सरकार पंचायती राज संस्थाओं को अधिक शक्तिशाली बनाने

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 07:03 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 07:03 AM (IST)
अब जिला परिषद की बैठक नहीं, होगा विधानसभा की तरह सत्र, 27 विभागों के अधिकारी रहेंगे मौजूद
अब जिला परिषद की बैठक नहीं, होगा विधानसभा की तरह सत्र, 27 विभागों के अधिकारी रहेंगे मौजूद

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

प्रदेश सरकार पंचायती राज संस्थाओं को अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए कई बदलाव किए हैं। महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया है। वहीं जिला परिषद के अधीन कई विभाग सरकार ने पहले ही कर दिए थे। ऐसे में जिला परिषद अब अधिक शक्तिशाली बन गई है। इसकी वजह है कि जो पहले मनरेगा व डीआरडीए जैसे अनेक विभाग एडीसी के अधीन थे, वे अब जिला परिषद के चेयरमैन के अधीन कर दिए हैं। अब जिला परिषद के चेयरमैन व सरकार द्वारा नियुक्त कार्यकारी अधिकारी एडीसी से अधिक पावरफुल हो गए है। वैसे पंचायती राज अधिनियम जिला परिषद प्रमुख संस्था है। शामिल पार्षदों को अपनी बात रखने के लिए अब जिला परिषद का विधानसभा की तरह ही सत्र का आयोजन किया जाएगा। दो दिन के इस सत्र में अधिकारी व पार्षद ग्रामीण विकास पर चर्चा करेंगे। इस दौरान ग्रामीण विकास से जुड़े 27 विभागों के अधिकारी भी अपनी राय देते हुए विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे।

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जयदीप की तरफ से भेज गए पत्र में बताया है कि पंचायती राज अधिनियम के तहत जिला परिषद के चेयरमैन राजेश कस्वां ने दो दिवसीय सत्र बुलाया है। जिसमें डीआरडीए व ग्रामीण विकास से संबंधित अन्य विभागों की योजनाओं पर चर्चा होगी। यह सत्र वीरवार 26 नवंबर सुबह 11 बजे शुरू होगा जो 27 नवंबर को भी जारी रहेगा। ------------------ ---------- इन प्रमुख विभागों के अधिकारी होंगे शामिल : जिला परिषद के चेयरमैन समेत 18 पार्षदों के अलावा 27 विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। उनमें से प्रमुख जिला परिवहन अधिकारी, हरियाणा राज्य परिवहन, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी, पंचायती राज विभाग के कार्यकारी अभियंता, लोकनिर्माण, सिचाई विभाग, जन स्वास्थ्य विभाग, कृषि विपणन बोर्ड, काडा, बिजली निगम, खाद्य आपूर्ति विभाग, वन विभाग, जिला बागवानी, आबकारी विभाग, कृषि विभाग, पशु पालन विभाग, जिला खेल अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला कल्याण अधिकारी, नगर योजनाकार, अग्रणी अधिकारी, वर्क मैनेजर मनरेगा, डीडीपीओ के साथ सभी ब्लाक के बीडीपीओ शामिल होंगे। ---------------------- आबकारी के बाद मोबाइल टावर का बंद हुआ टैक्स मिलना, पड़ा असर : वैसे सरकार ने जिला परिषद के अधीन कई विभागों तो कर दिए। लेकिन जिला परिषद को पहले शराब के ठेको से बड़ी आय होती थी। अब सरकार ने शराब ठेको से जिला परिषद को मिलनी वाली आय बंद कर दी। पहले प्रत्येक बोतल पर पंचायती राज संस्थाओं को टैक्स निर्धारित था। इसी तरह जिला परिषद को मोबाइल टावर से खूब आय होती थी। पंचायती राज विभाग के अधिकारी बताते है एक टावर से जिला परिषद को 60 हजार रुपये वार्षिक शुल्क मिलता था। लेकिन सरकार ने ये शुल्क भी खत्म कर दिएया। ऐसे में अब पंचायती राज संस्था के पास आय का साधन नहीं रहा। ------------------------

दो दिवसीय सत्र का आयोजन वीरवार से : कस्वां

माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला परिषद को अधिक शक्तिशाली बनाया है। इसके लिए अब जिला परिषद के अधीन कई विभाग है। वहीं सरकार के दिशा निर्देशानुसार दो दिन का सत्र आयोजित किया जाएगा। जो विधानसभा सत्र की तरह होगा। पहला सत्र है। ऐसे में अधिकारी व पार्षद बैठकर ग्रामीण विकास पर चर्चा करेंगे। अब इस तरह के सत्र होंगे। - राजेश कस्वां, चेयरमैन जिला परिषद।

chat bot
आपका साथी