20 और 21 को हो सकती है बूंदाबांदी

मौसम विभाग ने पूर्वानुमान व्यक्त किया है कि फिर से 20 व 21 अप्रैल को पश्चिमी हरियाणा में बादल छाने के साथ हल्की बारिश हो सकती है। इससे में किसान सतर्कता बरतें। किसान गत दिनों हुई बारिश से गेहूं निकालने का कार्य प्रभावित हो गया था। वहीं अब फिर से मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार बारिश होती है तो परेशानी फिर से बढ़ जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 07:13 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 07:13 AM (IST)
20 और 21 को  हो सकती है बूंदाबांदी
20 और 21 को हो सकती है बूंदाबांदी

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

मौसम विभाग ने पूर्वानुमान व्यक्त किया है कि फिर से 20 व 21 अप्रैल को पश्चिमी हरियाणा में बादल छाने के साथ हल्की बारिश हो सकती है। इससे में किसान सतर्कता बरतें। किसान गत दिनों हुई बारिश से गेहूं निकालने का कार्य प्रभावित हो गया था। वहीं अब फिर से मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार बारिश होती है तो परेशानी फिर से बढ़ जाएगी।

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव व राजस्थान के ऊपर बनने वाले साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण राज्य में 19 अप्रैल देर रात्रि से फिर से मौसम में बदलाव होने की संभावना है। जिससे राज्य के उत्तरी व पश्चिमी जिलों में 20 व 21 अप्रैल को बादलवाई रहेगी। इस दौरान बीच-बीच में तेज हवाएं चलने के साथ कहीं- कहीं बूंदाबांदी या हल्की बारिश हो सकती है। इसके बाद 22 अप्रैल से मौसम खुश्क व गर्म रहने की संभावना है।

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किसानों के लिए कृषि सलाह :

मौसम परिवर्तनशील को देखते हुए रोक किसान नरमे की बिजाई :

मौसम में बदलाव की संभावना को देखते हुए खेतों की नमी को संरक्षित करते हुए किसान नरमा व कपास की बिजाई 2 दिन के लिए रोक ले। ताकि बूंदाबांदी होने पर किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न आए। वहीं किसान गेहूं व अन्य फसलों की कटाई व कढ़ाई करते समय बदलते मौसम का ध्यान अवश्य रखे। गेहूं की कटी हुई फसल के बंडल अच्छी प्रकार से बांधे ताकि तेज हवाएं चलने से उड़ न सके। गेहूं व सरसों व अन्य फसलों को बेचने के लिए मंडी ले जाते समय तिरपाल आदि का प्रबंध अपने साथ अवश्य रखे। तेज हवाएं चलने व बारिश की संभावना को देखते हुए गेंहू व सरसों की तूड़ी आदि को अवश्य ढके। ताकि तेज हवाओं में न उड़े।

------------------------ आगामी 20 व 21 अप्रैल को मौसम परिवर्तनशील रहेगा। ऐसे में किसान मौसम को देखते हुए सतर्कता बरते। किसान मौसम वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार जमीन में नमी बनाते हुए नरमा व कपास की बीजाई रोक दे। वहीं गेहूं निकालने के बाद भूसा को सही से ढक दे, ताकि तेज हवा में खराब न हो।

- डा. राजेश सिहाग, उपनिदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग।

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