बेड पर डिलीवरी होने के मामले में महिला डाक्टर और नर्स को नोटिस, जवाब न देने पर होगी कार्रवाई

कोरोना संकट कम होने के बाद अब नागरिक अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस समय नागरिक अस्पताल में सबसे अधिक संख्या महिलाओं की है। वहीं गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की कोई सुविधा तक नहीं मिल रही है। यहीं कारण है कि बुधवार को एक गर्भवती महिला की डिलीवरी लेबर रूम के बाहर पड़े बेड पर हो गई। इस मामले में अब अस्पताल के एसएमओ ने इंचार्ज महिला डाक्टर व नर्स को नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस में जवाब मांगा गया है कि उनकी तरफ से कहां गड़बड़ी हुई है। अगर गड़बड़ी सामने आती है तो उन पर गाज गिरनी भी तय है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 10:00 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 10:00 PM (IST)
बेड पर डिलीवरी होने के मामले में महिला डाक्टर और नर्स को  नोटिस, जवाब न देने पर होगी कार्रवाई
बेड पर डिलीवरी होने के मामले में महिला डाक्टर और नर्स को नोटिस, जवाब न देने पर होगी कार्रवाई

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

कोरोना संकट कम होने के बाद अब नागरिक अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस समय नागरिक अस्पताल में सबसे अधिक संख्या महिलाओं की है। वहीं गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की कोई सुविधा तक नहीं मिल रही है। यहीं कारण है कि बुधवार को एक गर्भवती महिला की डिलीवरी लेबर रूम के बाहर पड़े बेड पर हो गई। इस मामले में अब अस्पताल के एसएमओ ने इंचार्ज महिला डाक्टर व नर्स को नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस में जवाब मांगा गया है कि उनकी तरफ से कहां गड़बड़ी हुई है। अगर गड़बड़ी सामने आती है तो उन पर गाज गिरनी भी तय है।

अस्पताल प्रबंधन को दी शिकायत के अनुसार गांव मताना निवासी रजनी देवी ने बताया कि उसकी बेटी संतोष की डिलीवरी होनी थी इसलिए वो अपने गांव आई थी। बुधवार को वो अस्पताल में अपनी बेटी की डिलीवरी करवाने के लिए आ गई। आरोप लगाया कि उसकी बेटी को पीड़ा होने के बावजूद उसे लेबर रूम में ले जाने की बजाए बाहर पड़े बेड पर ही बैठा दिया और उन्हें बाहर निकाल दिया। आरोप लगाया कि उसकी बेटी की बेड पर ही डिलीवरी हो गई वहीं कर्मचारी व स्टाफ सदस्य चाय पीने में व्यस्त थे। रजनी देवी ने इसकी शिकायत की थी। अब इस मामले में एसएमओ ने संज्ञान लेते हुए इंचार्ज डाक्टर व नर्स को नोटिस जारी किया है। गनीमत ये रही कि इस लापरवाही के कारण जच्चा-बच्चा को किसी प्रकार को नुकसान नहीं हुआ है। वीरवार को व्यवस्था में नहीं दिखा कोई सुधार

नागरिक अस्पताल में बुधवार को बेड पर डिलीवरी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने केवल नोटिस जारी किया है लेकिन व्यवस्था सुधारने में नाकाम साबित हुआ है। अल्ट्रासाउंड सेंटर के बाहर लिफ्ट लगाने का सामान पड़ा है। ऐसे में यहां पर गर्भवती महिलाओं के लिए बैठने की व्यवस्था तक नहीं है। ऐसे में वीरवार को यहां भी हालत ठीक नहीं थे। अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए महिलाओं को एक से दो घंटे तक का इंतजार करना पड़ा। ऐसे में इन सामान पर ही बैठकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। गर्भवती होने के बावजूद कोई व्यवस्था न होने अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़ा हो रहा है। 23 नंबर कमरे के बाहर नहीं सुधर रहे हालात

दो दिन पूर्व एक गर्भवती आशा वर्कर ने कंप्यूटर आपरेटर पर दु‌र्व्यवहार के आरोप लगाए थे। लेकिन उसके बाद लगा कि व्यवस्था सुधरेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। केवल यहां पर एक गार्ड लगा दिया है। लेकिन भीड़ कम नहीं हो रही है। वहीं 12 बजे के बाद किसी का सैंपल तक नहीं लिया जा रहा है। ऐसे में यहां की व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो रहा है। यहां पर भी महिलाओं व बुजुर्गों के बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में बुजुर्ग दूर भवन निर्माण के लिए लाई गई बजरी पर बैठे नजर आए।

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डिलीवरी मामला संज्ञान में आने के बाद इसकी जांच की गई। अभी तक पीड़ित परिवार की तरफ से शिकायत नहीं दी गई है। लेकिन फिर भी मीडिया में मामला आने के बाद डाक्टर व स्टाफ नर्स को नोटिस जारी कर दिया गया है। जवाब मांगा गया है कि गड़बड़ी किस स्तर पर हुई है। वहीं अन्य जो परेशानी या कमियां है उसे भी दूर कर दिया जाएगा।

राजेश चौधरी, एसएमओ, नागरिक अस्पताल फतेहाबाद।

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