मेले में 300 से अधिक किसानों ने भाग लिया

जागरण संवाददाता फतेहाबाद चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के अधीनस्त कृषि विज्ञ्‍

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 10:49 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 10:49 PM (IST)
मेले में 300 से अधिक किसानों ने भाग लिया
मेले में 300 से अधिक किसानों ने भाग लिया

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के अधीनस्त कृषि विज्ञान केंद्र फतेहाबाद द्वारा केंद्र परिसर में जिला स्तरीय किसान मेले का आयोजन किया गया। फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर आयोजित इस किसान मेले में मुख्यअतिथि के तौर पर डा. रामनिवास, निदेशक विस्तार शिक्षा निदेशालय, चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार ने भाग लिया। कार्यक्रम को संबोधित करत हुए उन्होंने किसानों से फसलों के अवशेष न जाने की अपील की और सलाह दी कि यदि इसको विभिन्न यंत्रों द्वारा जमीन में मिलाया जाए तो इससे न केवल वायु प्रदूषण कम होगा बल्कि जमीन का स्वास्थ्य भी सुधरेगा।

डा. सुनील कुमार ढांडा, सहनिदेशक, कृषि परामर्श सेवा ने कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों के हित में किए जा रहे नवीनतम शोध व विस्तार के बारे में जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डा. संतोष कुमार ने पराली को जमीन में मिलाने से होने वाले फायदों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पराली को जमीन में मिलाने से जमीन में पोषक तत्वों की मात्रा, जमीन में सूक्ष जीवाणुओं की संख्या के साथ-साथ मृदा की उर्वरा शक्ति, जैविक कार्बन की मात्रा भी बढ़ती है और इसकी संरचना में सुधार होता है। केंद्र के सूत्रकृमि वैज्ञानिक डा. सरदूल मान ने पराली प्रबंधन करने उपरांत उत्पन्न होने वाले कीट व बीमारियों की रोकथाम के बारे में विस्तृत जानकारी दी वहीं डा. विकास हुड्डा ने गेहूं व सरसों की वैज्ञानिक उत्पादन तकनीक के बारे में बताया। कृषि विभाग से आए सहायक अभियंता सुभाष भाम्भू ने विभिन्न कृषि यंत्रों पर हरियाणा सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान के बारे में जानकारी दी। बागवानी विभाग से आए डा. अमरजीत कुंडू ने विभिन्न तरह के बाग, पाली हाऊस व सब्जियों की खेती को बढ़ावा देने के लिए दिए जा रहे अनुदान बारे बताया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र सदलपुर से आए डा. नरेन्द्र कुमार, सिरसा से आए डा. देवेन्द्र जाखड़ ने भी किसानों को संबोधित किया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन तकनीक को बढ़ावा देने वाले प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में सही जवाब देने वाले किसानों को भी पुरस्कृत किया गया। इस किसान मेले में 300 से अधिक किसानों ने भाग लिया और कृषि संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की।

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