सयुंक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर मनाया काला दिवस

तीन कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा दिल्ली सीमा पर चलाए गये आंदोलन के 100 दिन पूरे हो गए। शनिवार को टोहाना में हसार रोड पर टाउन पार्क के बाहर पक्के मोर्चे पर किसानों ने काला दिवस मनाकर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की। किसानों ने काले झंडे व पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 07:54 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 07:54 AM (IST)
सयुंक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर मनाया काला दिवस
सयुंक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर मनाया काला दिवस

संवाद सहयोगी, टोहाना : तीन कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा दिल्ली सीमा पर चलाए गये आंदोलन के 100 दिन पूरे हो गए। शनिवार को टोहाना में हसार रोड पर टाउन पार्क के बाहर पक्के मोर्चे पर किसानों ने काला दिवस मनाकर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की। किसानों ने काले झंडे व पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया।

किसान नेता राजेंद्र समैन ने बताया कि किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे हो चुके हैं। लगभग 250 किसानों की मौत होने के बावजूद भी सरकार अपनी जिद पर अड़ी है। उन्होंने कहा कि किसान तीनों कानून वापिस होने तक वापिस नहीं लौटेगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर सत्ताधारी पार्टी के नेताओं का किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने पर डटकर विरोध किया जाएगा।

इस अवसर पर गुरदियाल सिंह, मंजीत सिंह, रेशम सिंह, झुझार सिंह, शमशेर रत्ताखेड़ा, सुरजीत नत्थुवाल, साहब राम, पूर्व सरपंच बलबीर सिंह सहित अन्य किसान उपस्थित थे। गांव पीली मंदोरी के किसान मोर्चा धरना स्थल पर आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर किसानों ने काला दिवस मना जताया रोष

संवाद सूत्र, भट्टू कलां : किसान मोर्चा गांव पीलीमंदोरी के धरना स्थल पर शनिवार को किसानों ने किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर काले झंडे कराते हुए काला दिवस मनाया। सरकार के प्रति अपना रोष जताया। इसकी अध्यक्षता विजय सिंह जाखड़ ने की । उन्होंने कहा कि सरकार जब तक सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं ले लेती तब तक वे इन कानूनों का और सरकार का विरोध करते रहेंगे। इस अवसर पर बृज लाल कड़वासरा, संदीप गोरछियां, ओमप्रकाश गोदारा, धर्मवीर गोरछियां, शीशपाल बेरड, सुभाष कड़वासरा, पप्पू राम राड़, रामप्रसाद दहिया, महेंद्र सिद्धू , हनुमान कुकणा , मेनपाल जाखड़, नरेश गोदारा, मोहर सिंह गोदारा, राहुल, अमर सिंह डूडी, मांगेराम, सुरजाराम, बलवंत ठाकुर, सतपाल पवार, शिवजीत, गोरखा राम, पलाराम , शेर सिंह, बीरबल सहित अनेक किसान मौजूद थे।

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