टूटी पाइपलाइन का निरीक्षण करने पहुंचे जेई, ग्रामीणों ने मांगा हिसाब तो जेई बोले आरटीआई लगाओ
गांव बड़ोपल में ढाई करोड़ लागत से बिछाई गई पाइपलाइन को जोड़ने गए गिरिश कुमार से ग्रामीणों ने हिसाब मांगा तो उन्होंने हिसाब देने की बजाए सीधा कह दिया इसके लिए आरटीआइ लगाया।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
गांव बड़ोपल में ढाई करोड़ लागत से बिछाई गई पाइपलाइन को जोड़ने गए गिरिश कुमार से ग्रामीणों ने हिसाब मांगा तो उन्होंने हिसाब देने की बजाए सीधा कह दिया इसके लिए आरटीआइ लगाया। ग्रामीणों ने जब जेई व विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए तो जेई ने कहा कि इसका हिस्सा ऊपर तक जाता है। इसके बाद ग्रामीणों ने सरकार व जन स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों का आरोप है कि बिछाई गई पाइपलाइन में अधिकारियों व राजनेताओं ने मिलकर गड़बड़ी की है। अब जब पाइपलाइन जगह जगह से टूटने लगी है तो जेई ऊपर के अधिकारियों को शामिल कर रहे है। ऐसे में पूरे प्रकरण की विजिलेंस जांच होनी चाहिए। तभी भ्रष्टाचार उजागर होगा।
गांव बड़ोपल के निवर्तमान पंच रामसिंह गोदारा और रामनिवास भादू तथा ग्रामीण विक्रम, कुलदीप सैन, व अमित कुमार ने बताया कि उनके गांव के जलघर के लिए करीब ढाई करोड़ रुपये की लागत से फतेहाबाद ब्रांच नहर से पाइपलाइन बिछाई। जिसका शुभारंभ विधायक दुड़ाराम ने गत फरवरी में किया। इसके बाद पाइपलाइन में जब पानी छोड़ा गया तो जगह जगह से लीकेज हो गई। गत दिनों बारिश आई तो एक जगह से पाइप के नीचे लगाए गए पीलर गिर गए कर टूट गए। वहीं कई जगह से लीकेज है। अब पाइपलाइन टूटने के बाद उच्चाधिकारियों को शिकायत दी तो उन्होंने जांच करवाने की बजाए उसके आधी अधुरी मरम्मत करवा दी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मरम्मत कार्य का निरीक्षण करने जेई गिरिश आए। जब उनसे ढाई करोड़ रुपये का हिसाब मांगा तो उन्होंने कहा कि ये कार्य सरकार का है। यदि हिसाब चाहिए तो आरटीआइ लगाओ। इस पर ग्रामीणों ने जेई के साथ बहस की और विभाग पर उन पर भ्रष्टाचार पर आरोप लगाए। ग्रामीणों का आरोप है कि इस दौरान जेई ने कहा कि निर्माण कार्य के ठेके का बड़ा हिस्सा सभी को जाता है। इतना ही नहीं उन्हें धमकी दी गई कि दम है तो जांच करवा लो। किसी भी अधिकारी पर आंच नहीं आएगी। ग्रामीण निगरानी कमेटी से चाहते है कार्रवाई की मांग
भाजपा की निगरानी कमेटी से ग्रामीण कार्रवाई की मांग चाहते है। ग्रामीणों का कहना है कि निगरानी कमेटी ने पहले भी जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की करोड़ों के भ्रष्टाचार उजागर किए थे। जिसमें विभाग के जेई गिरिश भी शामिल थे। हालांकि अब इसकी कार्रवाई अधिकारियों ने धनबल के दबाव में लंबित करवा रखी है। अब भाजपा निगरानी कमेटी फतेहाबाद ब्रांच नहर से लेकर बड़ोपल जलघर तक करीब 3 किलोमीटर बिछाई गई पाइपलाइन की जांच करती है तो फिर से भ्रष्टाचार उजागर होगा। ग्रामीणों का कहना है कि इस विभाग ने धांगड़ में 6 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन 95 लाख में बिछाई। जबकि बड़ोपल में ढाई गुणा रुपया खर्च करके अधिकारियों ने निम्न सामग्री का प्रयोग किया है। ऐसे में जांच जरूरी है। मैंने किसी को नहीं कहा आरटीआइ लगाने का, न ही ऐसी बात हुई : जेई
ग्रामीणों को मैंने पेयजल सप्लाई लाइन व बूस्टिग स्टेशन पर आए खर्च का पूरी मौखिक जानकारी दे दी। पाइपलाइन चरवाहों ने तोडी थी उस ठीक करवा दिया। मैंने ग्रामीणों से आरटीआई लगाने व हिसाब मांगने बाबत कोई बात नहीं हुई। न ही मैंने उनको उपर-निचे किसी प्रकार के कमिशन की बात की।
- गिरिश कुमार, जेई, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग।