सड़कों पर पशुओं का डेरा, अफसर बने मूकदर्शक

शहर में बेसहारा पशुओं का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसे रोकने में स्थानीय प्रशासन असहाय नजर आ रहा है। शहर के विभिन्न मुख्य मार्ग चौराहों गली मोहल्लों में दर्जनों पशु झुंड बनाकर खड़े हो जाते हैं जिस कारण राहगीरों वाहन चालकों को हमेशा हादसे का भय सताता रहता है। यदि शहर के मुख्य स्टेट हाइवे व बाहरी रास्तों का जिक्र करें तो यहां भी इन पशुओं का जमावड़ा रहता है। बीच मार्ग अचानक पशु आने से सड़क हादसे भी बढ़ रहे हैं। जिसमें स्वयं पशुओं की मौत होने के साथ ही चपेट में आने वाले लोगों को जानमाल का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 14 Feb 2021 07:51 AM (IST) Updated:Sun, 14 Feb 2021 07:51 AM (IST)
सड़कों पर पशुओं का डेरा, अफसर बने मूकदर्शक
सड़कों पर पशुओं का डेरा, अफसर बने मूकदर्शक

संवाद सूत्र जाखल :

शहर में बेसहारा पशुओं का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसे रोकने में स्थानीय प्रशासन असहाय नजर आ रहा है। शहर के विभिन्न मुख्य मार्ग, चौराहों, गली मोहल्लों में दर्जनों पशु झुंड बनाकर खड़े हो जाते हैं जिस कारण राहगीरों, वाहन चालकों को हमेशा हादसे का भय सताता रहता है। यदि शहर के मुख्य स्टेट हाइवे व बाहरी रास्तों का जिक्र करें तो यहां भी इन पशुओं का जमावड़ा रहता है। बीच मार्ग अचानक पशु आने से सड़क हादसे भी बढ़ रहे हैं। जिसमें स्वयं पशुओं की मौत होने के साथ ही चपेट में आने वाले लोगों को जानमाल का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

अनाज मंडी, तहसील रोड, बलरां रोड, बस स्टैंड रोड सहित शहर के अन्य रास्तों पर भी इन पशुओं का जमावड़ा देखने को मिल सकता है। इन पशुओं को हटाने के लिए प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रहा। ऐसे में कब कौन दुर्घटना का शिकार हो जाए कहा नहीं जा सकता। नागरिकों ने शहर में घुमंतू पशुओं से निजात दिलाते हुए इनके संरक्षण की मांग की है।

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कुछ दिन पहले हुए हैं दो हादसे

अगर कुछ दिन पहले हुए हादसों का जिक्र कर तो शहर के पार्क रोड के पास में बेसहारा पशुओं को आपस मे भिड़ते हुए साफ देखा जा सकता है। और वह इस कदर भीड़ रहे थे कि साथ मे खड़ी गाड़ी को भी नुकसान पहुचा रहे थे। तो अब बात शहर के बलरां रोड की करे तो यहां पर कुछ दिन पहले बेसहारा पशुओं द्वारा एक बजुर्ग महिला को टक्कर मार दी थी। जिससे उसे काफी चोट आई।

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नहीं उठाए जा रहे कदम

नेशनल ह्यूमन राइट्स काउंसल के महा सचिव डॉ राजेश शर्मा, शहरवासी अशोक कुमार, प्रिस शर्मा, नरेश कुमार, टोनी कुमार सहित अन्य ने बताया कि हादसों का पर्याय बने पशुओं को पकड़ने की मुहिम नगर पालिका की ओर से चलाई जानी चाहिए। पशुओं के सड़क के बीच में खडे़ होने के कारण हादसे का बराबर भय बना रहता है। नपा द्वारा कभी भी इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया। हालांकि अधिकारियों द्वारा इस समस्या को लेकर जब भी बात की जाए तो जल्द ही समाधान का समाधान करने की बात करते है। परन्तु कार्रवाई शून्य है। मुख्य मार्ग सहित बाजारों में है इनका राज

पशुओं के झुंड से लोगों के साथ-साथ वाहन चालकों को भी डर लगा रहता है। कब ये अचानक से वाहन के सामने आ जाएं कहा नहीं जा सकता। इससे दुर्घटना का भय बना रहता है। कई बार झुंड में पशु सड़कों पर खडे़ हो जाते हैं जिससे न केवल यातायात बाधित होता है बल्कि आए दिन ये राहगीरों को भी घायल कर देते हैं। स्कूल, चौपाल या फिर मंदिर कोई भी जगह हो पशुओं का जमावड़ा देखा जा सकता है।

----------------- कर्मचारियों की कमी होने के चलते बेसहारा पशुओं नहीं पकड़ा जा रहा। आने वाले दिनों में जल्द ही इन बेसहारा पशुओं को पकड़ कर गोशाला में छोड़ा जाएगा।

- जतिद्र कुमार सहायक सचिव नगर पालिका जाखल

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