70 हजार एकड़ में नरमे की फसल हुई खराब, मूंगफली, ग्वार व मूंग की फसल भी हो गई चौपट
70 हजार एक्ड़ में नरमें की फसल हुई खराब हो गई है। शुरुआत में लग रहा था कि इस बार नरमा की फसल बंपर होगी। इस बार बीमारी का प्रकोप भी कम रहा
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
जिले में इस बार नरमा की खेती एक लाख 70 हजार एकड़ में की गई थी। शुरूआत में लग रहा था कि इस बार नरमा की फसल बंपर होगी। इस बार बीमारी का प्रकोप भी कम रहा था। लेकिन अब हालत खराब होते जा रहे है। बंपर तो दूर की बात। किसान का खर्च भी पूरा नहीं हो रहा। बारिश से 70 हजार से अधिक एकड़ फसल बारिश से खराब हो चुकी हैं। उसके बाद भी अधिकारी सुध नहीं ले रहे। जिन किसानों के प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम कट हुआ है। उनके आवेदन लेने के लिए अधिकारी कई प्रकार की शर्तें लगा रहे है। वहीं किसानों के बढ़ते प्रदर्शन व खंड अधिकारियों की उपेक्षा के बाद अब खुद डीसी फिल्ड में उतरेंगे। वे सोमवार को भट्टूकलां के गांव खाबड़ा व ठुईया का दौरा करते हुए किसानों की परेशानी दूर करवाएंगे।
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ग्वार, मूंगफली व मूंग का नहीं है बीमा का प्रावधान :
जिले में नरमे के अलावा खरीफ की फसल ग्वार, मूंग व मूंगफली की फसल भी अधिक बारिश से खराब हो गई। लेकिन ये फसलें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल नहीं है। ऐसे में इन फसलों के खराब होने पर किसान को किसी प्रकार का मुआवजा नहीं मिलेगा। किसानों का कहना है कि सरकार उनकी सुध ले। खरीफ फसल में मक्का व बाजरा की जगह ग्वार व मूंग का बीमा शुरू करें।
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किसानों का नहीं आने दी जा रही परेशान : कुलड़िया
जहां पर बारिश होने से फसल जलभराव होने पर खराब होने पर किसानों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया था। वहां पर कृषि अधिकारी व बीमा कंपनी के कर्मचारी फिल्ड में जाकर आनलाइन सर्वे कर रहे है। किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जा रही।
- डा. भीम सिंह कुलड़िया एसडीओ, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग।