धरतीपुत्रों को सरकार कर रही अनदेखी

संवाद सूत्र, भूना : सरकार ने किसान हितैषी होने का ¨ढढोरा केवल सुर्खियां बटोरने के लिए ह

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Jan 2018 12:32 AM (IST) Updated:Fri, 12 Jan 2018 12:45 PM (IST)
धरतीपुत्रों को सरकार कर रही अनदेखी
धरतीपुत्रों को सरकार कर रही अनदेखी

संवाद सूत्र, भूना : सरकार ने किसान हितैषी होने का ¨ढढोरा केवल सुर्खियां बटोरने के लिए ही पीटा हुआ है, जबकि वास्तव में भाजपा सरकार को धरतीपुत्रों के हितों से कोई सरोकार नहीं है। यह बात शुगर मिल गेट के समक्ष आयोजित अनिश्चितकालीन धरने के 25वें दिन एवं भूख हड़ताल के चौथे दिन ¨सथला के किसान फकीर चंद जाखड़ ने उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कही। जाखड़ बृहस्पतिवार को भूख हड़ताल पर बैठे ¨सथला जोन के किसानों की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम की संचालन चंांदी राम कड़वासरा ने किया। वहीं 24 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठे किसानों में जिले ¨सह जाखड़, जगदीश चंद्र, फकीर चंद, भूप ¨सह व शंकर लाल गंगवा शामिल हुए।

कुलां निवासी एवं कुम्हार समाज के जगदीश सारड़ीवाल ने धरने पर कुम्हार बिरादरी की तरफ से सहयोग एवं समर्थन देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई किसानों व मजदूरों तथा कर्मचारियों के साथ-साथ इलाका के लोगों की भी है, क्योंकि शुगर मिल के बंद होने से आम जनता को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। मिल बंद होने से आसपास के दुकानदार व मजदूर तथा किसानों को आर्थिक रूप से भारी नुकसान पहुंचा है। इनमें अधिकतर लोग ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े हुए थे। किसान नेता चांदी राम कड़वासरा ने कहा कि क्षेत्र के किसान 50 हजार एकड़ में गन्ना की फसल की बिजाई करने की क्षमता रखते हैं, लेकिन सरकार की लचर एवं किसान विरोधी नीति के कारण धरतीपुत्र गन्ने की खेती से विमुख हो रहे हैं। का. कृष्ण स्वरूप गोरखपुरिया ने कहा कि नरमा, कपास की फसल की खेती में अत्यधिक पानी ¨सचाई की जरूरत पड़ती है, जिसके कारण भू स्तर लगातार गिरता जा रहा है। उन्होंने कहा कि आंदोलन को मजबूती प्रदान करने के लिए व सरकार पर दबाब बनाने के लिए आगामी 23 जनवरी को भूना बंद का ऐलान किया गया है। जिसमें व्यापारी वर्ग, सामाजिक संगठन व गणमान्य प्रबुद्ध नागरिक किसानों का समर्थन करेंगे। इस अवसर कृष्ण कुमार धारनयिां, धर्मपाल राव, रामनारायण बिश्नोई, तेलू राम धारसूल, मोहन ¨सह दिवाना, मनदीप ¨सह नथवान, ते¨जद्र ¨सह रतिया, नत्थू राम चौबारा, सतबीर ¨सह दहमान, पवन कुमार धारनियां, चंद्रभान महता, राजबीर सोनी व महेंद्र जांडली, रामनिवास भूना, बलबीर ¨सह दहिया, मामू राम, सतबीर ¨सह दहिया आदि भी मौजूद थे।

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