गिलोय आयुर्वेद का अमृत और ईश्वरीय वरदान : भांभू
गिलोय अमृत के समान लाभकारी है। यह महौषधि अनेक रोगों में रामबाण है। इसलिए हमें इस औषधि का प्रयोग करके स्वयं को तथा राष्ट्र को स्वस्थ बनाना है। यह बात राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शेखुपुर दड़ौली के प्राचार्य सुभाषचंद्र भांभू ने विद्यालय प्रांगण में गिलोय का वितरण व रोपण करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि गिलोय एक ऐसी बेल है जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं। यह बहुउपयोगी वनस्पति ही नही बल्कि आयुर्वेद का अमृत और ईश्वरीय वरदान है।
संवाद सूत्र, भट्टूकलां :
गिलोय अमृत के समान लाभकारी है। यह महौषधि अनेक रोगों में रामबाण है। इसलिए हमें इस औषधि का प्रयोग करके स्वयं को तथा राष्ट्र को स्वस्थ बनाना है। यह बात राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शेखुपुर दड़ौली के प्राचार्य सुभाषचंद्र भांभू ने विद्यालय प्रांगण में गिलोय का वितरण व रोपण करते हुए कही। उन्होंने कहा कि गिलोय एक ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं। यह बहुउपयोगी वनस्पति ही नही बल्कि आयुर्वेद का अमृत और ईश्वरीय वरदान है।
उन्होंने बताया कि हमें गिलोय को काढे के रुप में प्रयोग करना चाहिए जो कि सबसे ज्यादा लाभकारी होता है। गिलोय अमृत की तरह कार्य करती है। अलग-अलग रिसर्च से पता चला है कि इससे इम्यूनिटी बूस्ट होती है और कई बीमारियों व महामारियों से बचाव होता है। अब तो भारत सरकार का आयुष विभाग भी इसको सेवन करने की सलाह देता है। गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर बीमारियों से दूर रखती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीआक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं।
प्राचार्य ने कहा कि यह खून को साफ करती है और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है। लीवर और किडनी की कार्यक्षमता को बढ़ाती है। अगर किसी को बार-बार बुखार आता है तो उसे गिलोय का सेवन अवश्य करना चाहिए। पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के मुख्य योग सेवक मदन गोपाल आर्य ने बताया कि गिलोय का सेवन करते समय कुछ सावधानियां न रखी जाए तो लाभ की जगह हानि की सम्भावना रहती है। उन्होंने बताया कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए। इस दौरान विद्यालय में लेमन ग्रास, अश्वगन्धा, धृतकुमारी,
तुलसी, आंवला, सुदर्शन, मीठा नीम, बेलपत्र, लौंग, सहजना, जांटी आदि औषधीय पौधे लगाए गए तथा गिलोय व अन्य पौधै बांटे गए। इस दौरान सभी उपस्थित को पतंजलि स्वदेशी उत्पाद पुस्तिका वितरित की गई तथा स्वदेशी का संकल्प करवाया गया।
इस मौके मौलिक मुख्याध्यापक घनश्याम दास, प्रवक्ता श्रवण सिहाग, रमेश राठौर, रविकरण, कृष्ण कुमार भदरेचा, सज्जन खत्री, मुकेश कुमार सोनी,
सोनिया रानी, सोनू कुमारी, भतेरी देवी, श्रवण कुमार छिम्पा, सुभाष बैनिवाल, कृष्ण कुमार हुड्डा, मुख्य शिक्षक ओमप्रकाश, अशोक कुमार, सुरेंद्र कुमार,
सुभाष माचरा, कुलदीप सहारण, विरेन्द्र तंवर, सुन्दर लाल, सचिन कुमार, सन्नी कुमार, गुड्डी देवी, कृष्णा देवी व धन्नी देवी सहित अनेक स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।