आक्सी वन परियोजना के तहत रतिया में साढ़े तीन एकड़ भूमि पर विकसित होगा वन

-आक्सी वन योजना के तहत रतिया की साढ़े तीन एकड़ जमीन पर आक्सी वन विकसित किया जाएगा। -

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 08:15 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 08:15 AM (IST)
आक्सी वन परियोजना के तहत रतिया में साढ़े तीन एकड़ भूमि पर विकसित होगा वन
आक्सी वन परियोजना के तहत रतिया में साढ़े तीन एकड़ भूमि पर विकसित होगा वन

- आमजन को अब ई पौधशाला एप पर मिलेंगे पौधे, आनलाइन आवेदन करने के बाद ले सकते हैं पौधे

- पौधे लेने के बाद लगाते हुए फोटो भी करने होंगे अपलोड, तभी मिलेंगे दोबारा

राजेश भादू, फतेहाबाद : कोरोना काल में आक्सीजन का महत्व सभी का समझ आ गया है। सरकार भी धीरे-धीरे इस दिशा में कदम बढ़ा रही है। अब निर्णय लिया है कि प्रत्येक जिले में 100 एकड़ तक वन विकसित किया जाएगा। यह पंचायतों व नगर निकाय की जमीन पर विकसित होगा। जिले में इसकी शुरुआत रतिया से हो रही है। रतिया के विधायक लक्ष्मण नापा के प्रयासों से सहनाल रोड पर साढ़े तीन एकड़ जमीन पर आक्सी वन परियोजना के तहत कार्य होगा। जिसमें वन विकसित किया जाएगा। इससे रतिया शहर का वन क्षेत्र बढ़ जाएगा। शहर के लोगों को आने वाले समय में पिकनिक स्पाट की सुविधा मिलेगी। सरकार का दावा है कि एक ही जगह पर 10 प्रकार के वन विकसित करते हुए लोगों के लिए बेहतरीन घूमने की सुविधा दी जाएगी। सुबह व शाम सैर का आनंद तो मिलेगा ही, वहीं वहां से पौधे भी खरीदे जा सकते हैं। जल्द ही फतेहाबाद व टोहाना में भी इसी तरह वन विकसित होंगे। सरकार का वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश हैं कि जिले में अधिक से अधिक आक्सी वन विकसित हों। इसके लिए गांवों में भी प्रयास किए जाएं। कई जिलों में तो जन सहभागिता के आधार पर कार्य शुरू हो गया। विदित रहे कि जिले में अब वन क्षेत्र तीन फीसद के करीब है। वहीं सघन वन गांव सालमखेड़ा में महज 97 एकड़ ही है। अब रतिया में जो वन विकसित होगा उसे सघन वन के तौर पर विकसित किया जाएगा। ऐसे में 100 एकड़ में सघन वन हो जाएगा।

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इस तरह होंगे वन विकसित

आक्सी वन परियोजना के तहत अलग-अलग प्रकार के वन विकसित होंगे। अधिक जमीन मिलने पर एक ही जगह पर कई प्रकार के वन विकसित किए जाएंगे। सरकार की योजना के अनुसार 10 तरह के वन विकसित होंगे। इनमें चित वन यानी सौंदर्य का वन बनेंगे। जिसमें कचनार, अमल्तास, प्राइड आफ इंडिया, सीमल, इंडियन कोरल, सीता अशोक, जावा कैसिया, लाल गुलमोहर, गोल्डन शावर, पैशन फ्लावर, आदि जैसे सजावटी और विभिन्न मौसमों में खिलने वाले फूलों के पौधे होंगे। पाखी वन को पक्षियों का वन विकसित करते हुए उसमें पीपल, बरगद, पिलखान, शीशम, शहतूत व नीम आदि जैसे पौधे लगाए जाएंगे। अंतरिक्ष वन में राशि के अनुसार पौधे लगाए जाएंगे। पौधों में पलाश, कटहल, गुल्लर, आंवला, कृष्ण नील, चंपा, खैर, बिलवा बेल आदि जैसे भाग्य बढ़ाने वाले पौधे लगाए जाएंगे। इसी तरह आरोग्य वन में आयुर्वेदिक चिकित्सा पर आधारित तुलसी, अश्वगंधा, नीम, एलोवेरा, हरड़, बहेड़ा, आंवला सहित अनेक औषधीय पौधे होंगे। वहीं पंचवटी वन में बरगद, पीपल, बिलवा आंवला और सीता अशोक के पौधे लगाए जाएंगे। इसके अलावा नीर वन झरनों का वन, सप्त ऋषि वन, स्मृतियों का वन के अलावा सुगंधित पौधों का वन विकसित किया जाएगा। जिसमें सुगंधराज, चमेली, रात की रानी, डे किग, पारिजात, चंपा, गुलाब, हनी सक्ल, पासीफ्लोरा आदि के सुगंधित पौधे होंगे। इन पौधों को उनकी अजीबोगरीब खुशबू से पहचाना जा सकता है

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आक्सी वन में होगा मनोरंजन का पूरा इंतजाम

आक्सी वन में एक सूचना केंद्र और एक स्मारिका दुकान भी होगी, जहां पार्क एवं उसके घटकों से संबंधित जानकारी उपलब्ध होंगी। लोग अपनी राशि से संबंधित पौधे और अपने घरों में रखने के लिए पौधे रियायती दरों पर भी खरीद सकेंगे। इसके अलावा, इन निर्माण होने वाले वनों में एक रंगभूमि का निर्माण भी किया जाएगा, जहां कलाकार जनता के मनोरंजन के लिए प्रदर्शन कर सकेंगे। आगंतुकों को इस आक्सी वैन के विभिन्न पहलुओं को कवर करने वाला लाइट एंड साउंड शो भी दिखाया जाएगा।

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अब ई-पौधशाला एप के माध्यम से पौधे मिलने शुरू

सरकार पिछले दो साल से आमजन को सरकारी नर्सरी से पौधे नहीं दे रही थी। अब सरकारी नर्सरी से आमजन को पौधे मिलेंगे। इसके लिए उन्हें ई पौधशाला एप के माध्यम से पौधे बुक करवाने होंगे। व्यक्तिगत तौर पर 10 पौधे मिलेंगे। वहीं संस्था, सरकारी विभागों व पंचायतों को 100 से लेकर 500 पौधे एक बार में दिए जा सकते हैं। इसके बाद जो पौधे लेकर जाएगा। उसके फोटो भी अपलोड करने होंगे। तभी दोबारा पौधे मिलेंगे। विदित रहे कि दैनिक जागरण ने आमजन को सरकारी नर्सरी में पौधे न मिलने की समस्या को प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद सरकार ने अब पौधे देने शुरू किए है।

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प्रदेश सरकार की आक्सी वन परियोजना एक बेहतरीन योजना है। इसके तहत रतिया शहर के सहनाल रोड पर करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन में वन विकसित किया जाएगा। इसका क्षेत्र के लोगों को खूब फायदा मिलेगा। इसके लिए मैंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दे दिए है।

- एडवोकेट लक्ष्मण नापा, विधायक रतिया।

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सरकार ने अब ई पौधशाला एप शुरू कर दिया है। किसी भी व्यक्ति, संस्था, स्कूल, पंचायत या किसी भी सरकारी विभाग को पौधे लेने हैं तो उसे ई एप के माध्यम से अप्लाई करना होगा। व्यक्तिगत किसी को शुरुआत में 10 पौधे मिलेंगे। इसके बाद उसे पौधे लगाकर उसे एप पर अपलोड करने के बाद दोबारा पौधे दिए जाएंगे।

- राजेश माथुर, जिला वन अधिकारी।

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