कस्टम हायरिग सेंटर से किसान ले सकते हैं पराली प्रबंधन के उपकरण
जिला में जो पंचायतें अपने गांव में पराली जलाने की घटनाओं को रोकेगी और किसानों को पराली प्रबंधन बारे जागरूक करेगी। उन ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : जिला में जो पंचायतें अपने गांव में पराली जलाने की घटनाओं को रोकेगी और किसानों को पराली प्रबंधन बारे जागरूक करेगी। उन ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह जानकारी उपायुक्त महावीर कौशिक ने लघु सचिवालय के सभागार में कृषि, राजस्व तथा पंचायत विभाग के अधिकारियों की पराली प्रबंधन विषय पर आयोजित की गई बैठक में दी। उपायुक्त ने कहा कि जिला के 63 गांव रेड जोन और 66 गांव येलो जोन में है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन गांवों में जागरूकता अभियान चलाए और किसानों को पराली प्रबंधन बारे बताएं। उपायुक्त ने कहा कि जिन गांवों में कस्टम हायरिग सेंटर सीएचसी है, उनकी सूची पोर्टल पर अपलोड करें ताकि किसान उनसे संपर्क करके पराली प्रबंधन बारे मशीनी उपकरण किराए पर ले सकें। उन्होंने कहा कि कस्टम हायरिग सेंटरों को इन-सीटू और एक्स-सीटू प्रबंधन के लिए उपकरण दिए गए है। किसान उन सीएचसी से संपर्क करके पराली प्रबंधन के विकल्प को चिह्ति करके उन उपकरणों का इस्तेमाल कर पराली प्रबंधन कर सकते हैं।
पंचायती जमीन पर आगे लगी तो होगी संबंधित अधिकारी कार्रवाई
उपायुक्त ने कहा कि जिला में कहीं भी पराली में आग नहीं लगे इस लक्ष्य को लेकर प्रशासनिक अधिकारी काम करें। किसान कस्टम हायरिग सेंटर के माध्यम से फसल अवशेष प्रबंधन करना सुनिश्चित करें। इसके बावजूद भी अगर कोई किसान पराली जलाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं पराली जलाने की घटना को रोकने में जन प्रतिनिधि व संबंधित एसएचओ की सीधी जिम्मेदारी बनती है। इसके साथ-साथ अगर किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा पट्टों पर दी हुई जमीन पर फानों में आग लगती है तो पट्टोदार सहित संबंधित कर्मचारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्त कौशिक ने कहा कि पराली जलाना बहुत गंभीर मुद्दा है, इससे जहां पर्यावरण प्रदूषित होता है, वहीं मानव जीवन को भी खतरा होता है। धुआं होने से मानव के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
लोगों को समझाए किसान : डीसी
डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी संबंधित विभाग लोगों को समझाए, फिर भी कोई व्यक्ति नही मानता है और पराली जलाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस विशेष अह्म अभियान के तहत कोई अधिकारी व कर्मचारी भी संतोषजनक कार्य नही करेगा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। संबंधित गांव के नंबरदार अगर पराली जलाने की घटना में शामिल पाए जाते हैं या वह समय पर सूचना नही देते हैं तो उनके खिलाफ भी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। आमजन भी अपने आसपास के लोगों को समझाएं और अगर कोई इस तरह का कार्य करता है तो उसकी सूचना तुरंत प्रशासन को दें। विलेज लेवल कमेटी निरंतर अपने संबंधित गांवों के किसानों को जागरूक करें और विलेज लेवल कमेटी पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना व एफआईआर भी करवाए। उपायुक्त ने सभी कंबाईन संचालकों को कहा है कि वे स्ट्रा मैनेजमैंट सिस्टम लगवाए। जल्द मिलेगी किसानों को अनुदान पर यंत्र
बैठक में पोर्टल पर आए हुए 216 कस्टम हायरिग सेंटरों के आवेदनों पर विचार किया गया और निर्णय लिया गया कि रेडजोन और येलो जाने में आने वाले किसान समूहों को प्राथमिकता के आधार पर कस्टम हायरिग सेंटर दिए जाए। रेडजोन में 101 व येलो जोन में आए 62 आवेदनों को मंजूरी दी गई। जिला में पहले से ही 414 कस्टम हायरिग सेंटर काम कर रहे हैं। इस अवसर पर एसडीएम राजेश कुमार, डीआरओ प्रमोद चहल, सीएमजीजीए रितेश कोल, डीडीए डॉ. राजेश सिहाग, नायब तहसीलदार भजनदास, एसडओ भीम सिंह, सहायक कृषि अभियंता सुभाष भांभू, एसएमएस सुभाष, राकेश कुंट, संदीप बिदलान, तेलूराम आदि मौजूद रहे।