टोहाना में इंजीनियर कंवर सैन गुप्ता हर्बल पार्क बना आकर्षण का केंद्र

टोहान का हर्बल पार्क लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।-पार्क में नागरिकों को अनेक सुविधाएं मिल रही हैं।-14 एकड़ में फैले हर्बल पार्क में कई प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 07:35 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 07:35 AM (IST)
टोहाना में इंजीनियर कंवर सैन गुप्ता हर्बल पार्क बना आकर्षण का केंद्र
टोहाना में इंजीनियर कंवर सैन गुप्ता हर्बल पार्क बना आकर्षण का केंद्र

-पार्क में नागरिकों को मिल रही है अनेक सुविधाएं

-14 एकड़ में फैले हर्बल पार्क में लगाए गए विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे

संवाद सहयोगी, टोहाना : बीएमबी नहर तथा फतेहाबाद डिस्ट्रीब्यूटरी के मध्य वन पट्टी के रूप में टोहाना शहर में स्थित इंजीनियर कंवर सैन गुप्ता हर्बल पार्क में नागरिकों के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाएं व सामाजिक प्रभाव और लाभ देखने को मिल सकते हैं। इस हर्बल पार्क का निर्माण वन विभाग द्वारा 41 लाख 23 हजार 909 रुपये की लागत से करवाया गया। हर्बल पार्क की लंबाई 1.85 किलोमीटर व चौड़ाई 31 मीटर है। 14 एकड़ में फैले हर्बल पार्क में विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे तथा सुविधाएं हैं।

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हर्बल पार्क की कल्पना

इंजीनियर कंवर सैन गुप्ता हर्बल पार्क बनने से पूर्व शहर के गंदे पानी की निकासी की जाती थी। जिससे आमजन को काफी असुविधाओं उत्पन्न हो रही थी तथा बीमारियां फैलने का अंदेशा बना रहता था। तत्कालीन विधायक एवं हरियाणा सार्वजनिक ब्यूरो उपक्रम के चेयरमैन सुभाष बराला के द्वारा इस समस्या के समाधान के लिए वन विभाग से संपर्क किया गया व निर्णय लिया गया कि इस क्षेत्र को पार्क के रूप में विकसित किया जाए ताकि आमजन के जीवन स्तर में सुधार हो सके तथा पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाई जा सके।

चेयरमैन सुभाष बराला द्वारा सुझाया गया कि राजनैतिक व्यक्तियों के नाम पर नामकरण की पूर्व में चली आ रही प्रथा को खत्म करते हुए इस पार्क का नाम इंजीनियर कंवर सैन गुप्ता के नाम पर रखा जाए। जिनका भाखड़ा नहर का पानी इस क्षेत्र में लाने तथा इस क्षेत्र के विकास में अहम योगदान रहा है। टोहाना हर्बल पार्क, टोहाना का उद्घाटन टोहाना हल्का के तत्कालीन विधायक सुभाष बराला द्वारा 25 दिसंबर, 2014 को किया गया था।

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पार्क में उपलब्ध सुविधाएं

इस पार्क में नागरिकों को लैंडस्केपिग एवं चलपथ, शौचालय, पेयजल, विद्युत सुविधाएं, पौधाशाला, लान, खुली व्यायामशाला, पार्किंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। इसके साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ, औषधीय पौधों के प्रति जागरूकता, शहर का सुंदरीकरण, विद्यालय के विद्यार्थियों को पर्यावरण को जोड़ना, पंचायतों व विद्यार्थियों को छोटे पौधे उपलब्ध करवाना, उच्चकोटि के बीजों का उत्पादन, पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता देखने को मिलती है।

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हर्बल पार्क में लगाए गए पौधों की प्रजातियां

हर्बल पार्क में अर्जुन, बकैन, पुत्रजीव, कपूर, मोलश्री, पिलखन, बोतलबुर्श, आम, इमली, केले, बहेडा, अमरूद, आंवला, अनार, आडू, नींबू, सिबल, शहतूत, हरड, सीता अशोका, कदम, जामून, बेल पत्थर, चकरोशीया, लिजिस्ट्रनिया, नीम, कटसागवान, अशोका, पीपल, सिल्वर ओक, चीड, मोरपंखी, कनैर, गुलाब, चादनी, हार सिगार, मेहंदी, गुडहल, चम्पा, दिन का राजा, चाइना पाम, खजूर, ग्रीन बुश, कंगी पाम, पाण्डा फाईकस, फोनिस पाम, बोतल पाम विभिन्न प्रकार के पौधों की प्रजातियां इस पार्क में लगाई गई हैं।

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