नीति के अभाव में वन विभाग के लगाए पौधे नहीं बन पाते पेड़

जागरण संवाददाता फतेहाबाद प्रदेश सरकार का वन विभाग प्रत्येक वर्ष 5 जून से पौधारोपण अभिया

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 07:04 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 07:04 PM (IST)
नीति के अभाव में वन विभाग के लगाए पौधे नहीं बन पाते पेड़
नीति के अभाव में वन विभाग के लगाए पौधे नहीं बन पाते पेड़

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

प्रदेश सरकार का वन विभाग प्रत्येक वर्ष 5 जून से पौधारोपण अभियान की विधिवत शुरुआत करता है। लेकिन इसके बाद एक महीने तक पौधे नहीं लगाए जाते। वन विभाग मानसून की बारिश होने के बाद पौधे लगाने आरंभ करता है। मानसून का सीजन खत्म होने तक पौधे लगाता है। बाद में पानी न मिलने के चलते पौधे सूख जाते हैं। ऐसा हर बार होता है। इसके चलते वन विभाग के आधे से ही कम पौधे पेड़ बन पाते हैं।

नीतिगत समस्या के चलते बारिश का सीजन शुरू होने के बाद पौधे लगाए जाते है। जबकि होना यह चाहिए कि वन विभाग प्रत्येक वर्ष मार्च व अप्रैल महीने में पौधे लगाए। इसके बाद दो चार बार पानी देने पौधे सही से चलने लग जाते है। मानसून का सीजन जुलाई महीने में शुरू होता है। तब तक पौधा सही से बढ़वार ले लेता है। परंतु ऐसा कभी नहीं करते। इसके चलते जिले का वन क्षेत्र 3 फीसद से कमी नहीं बढ़ पा रहा है।

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ये प्रयास करे सरकार :

पंचायती राज विभाग फतेहाबाद के अनुसार जिले में करीब 8 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पंचायती व शामलाती है। इस भूमि पर धीरे-धीरे तीन वर्षों में सघन वन लगाया जा सकता है। दुखद तो यह है कि पंचायतें वन विभाग को जमीन देने के लिए तैयार है, लेकिन वन विभाग में जमीन पर बाड़बंदी करके पौधे लगाने के लिए तैयार नहीं। अनेक ऐसी पंचायतें हैं जो हर बार पंचायत की जमीन पर पौधे लगाने के लिए प्रस्ताव भेजती है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि कम से कम पंचायती की जमीन पर तो सघन वन के लिए अभियान चलाया जाए।

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पौधे लगाने पर किसान को अनुदान दे सरकार

प्रदेश सरकार किसान को बागवानी करने पर प्रति एकड़ हजारों रुपये अनुदान देती है। कई ऐसे क्षेत्र है जहां पर पानी की समस्या है। उन क्षेत्र में छायादार पौधे लगाने वाले किसानों को अनुदान देना चाहिए। शुष्क क्षेत्र में हजारों किसानों को इसका लाभ मिलेगा। इससे वन क्षेत्र भी बढ़ेगा।

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पौधों की देखभाल के लिए नहीं है कर्मी :

वन विभाग में पौधों की देखभाल करने के लिए कर्मचारी नहीं है। गत दो वर्षों से पौधे लगाने के लिए मनरेगा मजदूर की सहायता ली जाती है। लेकिन बाद में देखभाल के लिए कर्मी नहीं रख जाते। जो मजदूर अब कार्य कर रहे है। वे ठेकेदार के मार्फत रखे हुए है। उनका गत अप्रैल महा से अब तक वेतन ही नहीं मिला। पौधारोपण का कार्य पूरा होने के बाद उन्हें सितंबर में हटा दिया जाता है। फिर फरवरी मार्च में फिर रखा जाता है।

---------------------- वन विभाग को पौधारोपण कार्य मार्च व अप्रैल महीने में करना चाहिए। उस दौरान गर्मी अधिक नहीं होती। पौधा सही से फैलाव लेता है। लेकिन अब ये गलत तरीके से मानसून का सीजन बीतने के बाद पौधारोपण कार्य शुरू करते है। बाद में पानी के अभाव में पौधे सूख कर खराब हो जाते है। मेरा सरकार से आग्रह है कि पौधे लगाने का समय में बदलाव किया जाए। मार्च अप्रैल महीने में लगाए गए पौधे को मई जून में दो चार बार पानी मिलेगा तो वे पौधे ही आगे पेड़ बनेंगे।

- संजीव गोयल, वनस्पतिशास्त्री

----------------------------- वन विभाग के लगाए गए पौधों की देखभाल सही से होती है। लगाए गए पौधों को सरकार के दिशानिर्देशानुसार समय-समय पर पानी दिया जाता है। इसके लिए उचित व्यवस्था है। कर्मचारियों को वेतन भी समय पर दे दिया जाता है।

- राजेश माथुर, जिला वन अधिकारी

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