उपायुक्त ने किसानों को पराली प्रबंधन करने के लिए किया जागरूक

जागरण संवाददाता फतेहाबाद कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा शुक्रवार को शहर स्थित एक

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 07:25 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 07:25 AM (IST)
उपायुक्त ने किसानों को पराली प्रबंधन करने के लिए किया जागरूक
उपायुक्त ने किसानों को पराली प्रबंधन करने के लिए किया जागरूक

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा शुक्रवार को शहर स्थित एक होटल में जिलास्तरीय किसान जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में बतौर मुख्यवक्ता वक्ता पहुंचे उपायुक्त डा. नरहरि सिंह बांगड़ ने किसानों व आमजन मानस से आग्रह किया कि धान की पराली तथा अन्य फसलों के अवशेषों को जलाए ना बल्कि उनका सदुपयोग करें। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं।

उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को आग के हवाले करने से विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को सीधे तौर पर नुकसान होता है तथा उनके जीवन से भी खिलवाड़ होता है। इसके अलावा यह आने वाली पीढि़यों के लिए घातक है। इसलिए कोई भी किसान व नागरिक फसल अवशेषों को न जलाएं। नियमों की अवहेलना करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उपायुक्त ने यह भी कहा कि गांव के सरपंच, नंबरदार, चौकीदार, पटवारी, ग्राम सचिव, एडीओ आदि द्वारा आगजनी की घटनाओं की रोकथाम में सहयोग न करने और सूचना न देने पर उनके विरूद्ध भी नियमानुसार सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उपायुक्त ने किसानों को जागरूक करते हुए कहा कि किसान फसल के अवशेषों को खेत में जोतकर भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ा सकते हैं। किसानों को प्रति वर्ष फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत व्यक्तिगत कृषि यंत्र पर 50 फीसद व किसान समूह को 80 फीसद तक अनुदान सरकार द्वारा मुहैया करवाया जा रहा है।

कार्यक्रम के दौरान उप कृषि निदेशक डा. राजेश सिहाग ने विभाग द्वारा चलाई जा रही स्कीमों बारे विस्तार से बताया तथा कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी किसानों व अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। सहायक कृषि अभियंता डा. सुभाष भाम्भू ने सरकार द्वारा विभिन्न कृषि यन्त्रों पर दिए जाने वाले अनुदान बारे बताया तथा किसानों से कृषि यन्त्रों के बिल तुरंत पोर्टल पर अपलोड करने बारे आह्वान किया।

इस अवसर पर जिला उद्यान अधिकारी डा. कुलदीप श्योराण, डा. विकास हुडा, विषय विशेषज्ञ डा. सुभाष चन्द्र, अजय ढिल्लो, तकनीकी सहायक डा. राकेश कूंट, डा. संदीप कुमार, डा. सुखविन्द्र सिंह आदि मौजूद थे।

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