भूना में किसानों का प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

जेलों में बंद किसानों की रिहाई व उन पर दर्ज किए गए मामलों को रद्द करने की मांग को लेकर बुधवार को क्षेत्र के दर्जनों किसानों ने कस्बे में रोष प्रदर्शन किया। कस्बे की अनाज मंडी व उकलाना रोड पर किसानों ने जुलूस निकाला और नायब तहसीलदार के मार्फत देश के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 07:40 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 07:40 AM (IST)
भूना में किसानों का प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
भूना में किसानों का प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

संवाद सूत्र, भूना : जेलों में बंद किसानों की रिहाई व उन पर दर्ज किए गए मामलों को रद्द करने की मांग को लेकर बुधवार को क्षेत्र के दर्जनों किसानों ने कस्बे में रोष प्रदर्शन किया। कस्बे की अनाज मंडी व उकलाना रोड पर किसानों ने जुलूस निकाला और नायब तहसीलदार के मार्फत देश के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन पत्र में किसान संघर्ष समिति के संयोजक चांदीराम कड़वासरा, रामस्वरूप ढाणी गोपाल, अंग्रेज सिंह, कृष्ण कुमार, बलबीर सिंह, ओम प्रकाश आदि ने बताया कि सरकार किसान विरोधी कृषि कानून लागू करके देश के साथ खिलवाड़ कर रही है और पूंजीपति लोगों की तिजोरियां भरने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए किसानों पर दर्ज किए गए मामलों को तुरंत प्रभाव से रद्द करे और रिहा करके उनके परिवारों में खुशहाली लाए। दिल्ली पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियां किसानों को डराने धमकाने व नोटिस भेजना बंद करे। इस मौके पर बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। कुलां में किसानों ने मनाया दमन विरोधी दिवस

संवाद सूत्र, कुलां :

बुधवार को देशभर में संयुक्त किसान मोर्चा के दमन विरोधी दिवस मनाने के आह्वान पर कुलां क्षेत्र के किसानों ने भी किसान आंदोलन पर हो रहे चौतरफा दमन का विरोध करते हुए अपनी मांगों को लेकर कुलां नायब तहसीलदार के मार्फत राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कुलां क्षेत्र के आसपास गांवों के किसान सुबह उप तहसील कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए। जिसके बाद किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक प्रदर्शन करने के बाद राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान अखिल भारतीय किसान सभा के जिला सचिव जगतार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसान विरोधी तीन कृषि कानून किसानों पर जबरन थोपे गए हैं। सरकार को इन कानूनों को हर हाल में रद करना होगा।

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