नगरपरिषद में आयुक्त नियुक्त, शहरों के विकास में मिलेगी गति

जागरण संवाददाता फतेहाबाद प्रदेश सरकार ने नगरपरिषद व नगरपालिका को नियंत्रित करने के

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 08:09 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 06:17 AM (IST)
नगरपरिषद में आयुक्त नियुक्त, शहरों के विकास में मिलेगी गति
नगरपरिषद में आयुक्त नियुक्त, शहरों के विकास में मिलेगी गति

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

प्रदेश सरकार ने नगरपरिषद व नगरपालिका को नियंत्रित करने के लिए जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट म्यूनिसिपल कमिश्नर (डीएमसी) यानी नगरपरिषद आयुक्त को कमान सौंपी गई है। पालिका और परिषद की डीसी की पावर डीएमसी के पास होंगी। वह 50 लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे सकेंगे। इससे ऊपर के प्रोजेक्ट को मंजूरी निदेशालय से मिलेगी। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने इस संबंध में नियुक्तियां कर दी हैं।

फतेहाबाद जिले में प्रदेश सरकार ने फतेहाबाद नगरपरिषद के लिए एचसीएस समवर्तक सिंह खनगवाल को नियुक्त किया है। हालांकि उन्होंने अभी तक कार्यभार नहीं संभाला है। आने वाले कुछ दिनों के बाद पद ग्रहण कर लेंगे। आयुक्त कहां बैठेंगे इसकी जानकारी अभी तक नहीं है। नगरपरिषद व नगरपालिका के सारे अधिकारी अब आयुक्त के अधीन होंगे। पहले डीसी के पास फाइल जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

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विकास को मिलेगी गति

आयुक्त की नियुक्ति के बाद शहरों में होने वाले कामों में गति आएगी। पहले एक काम को करवाने के लिए डीसी के पास फाइल भेजी जाती थी। उसके बाद निगम के पास फाइल जाती थी। उसके बाद टेंडर लगता था। ऐसे में टेंडर लगने के दौरान ही दो महीने का समय व्यतीत हो जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। डीसी की सारी पावर आयुक्त के पास होगी। नप व नपा अधिकारियों द्वारा फाइल आयुक्त के पास आएगी। उसी समय उस काम की मंजूरी भी मिल जाएगी। 50 लाख रुपये के काम करवाने की पावर आयुक्त के पास होगी। एक काम को करवाने के लिए दो से तीन महीने लग जाते थे वो अब कुछ ही दिनों में पूरे होंगे।

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इन नगरपरिषद व नगरपालिका का होगा चार्ज

आयुक्त के पास फतेहाबाद की नगरपरिषद, टोहाना की नगरपरिषद, भूना की नगरपालिका, जाखल नगरपालिका व रतिया नगरपालिका की कमान होगी। आयुक्त इन नगरपरिषद व नगरपालिका में सप्ताह में दौरा भी करेंगे। अगर शहर में कोई कमी मिलेगी तो उसे दूर करने का प्रयास भी करेंगे। इसके अलावा अधिकारियों की लापरवाही पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर होगी। आयुक्त की नियुक्त के बाद अधिकारी भी परेशान दिख रहे है। अब हर हिसाब किताब आयुक्त को देना होगा।

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अधिकारियों की पावर होगी कम, भ्रष्टाचार पर लगेगी रोक

नगरपरिषद व नगरपालिका में इस समय भ्रष्टाचार का आरोप है। पार्षद खुद अधिकारियों व प्रधान पर आरोप लगा रहे है। लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है। जिस अधिकारी की शिकायत होगी उस अधिकारी पर सीधी कार्रवाई भी आयुक्त करेंगे। वहीं प्रधान व अधिकारियों की पावर कम हो जाएगी। पहले अधिकारी अपने स्तर पर काम में गड़बड़ी कर जाते थे। लेकिन अब ऐसा करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी। हर सप्ताह की रिपोर्ट आयुक्त के सामने रखी जाएगी।

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आयुक्त की नियुक्ति के बाद विकास कार्य तेजी से होंगे। पहले टेंडर भी पास नहीं होते थे। डीसी के पास काम अधिक होने के कारण समय लग जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। शहर के विकास के लिए यह फैसला अच्छा है। अधिकारियों व कर्मचारियों में डर भी रहेगा कि अगर गड़बड़ी की तो मौके पर ही कार्रवाई हो जाएगी।

दर्शन नागपाल

प्रधान नगरपरिषद फतेहाबाद।

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