चिल्ली झील की 16 फीट तक होगी खोदाई, गाद निकालकर किया जाएगा विकसित
विनोद कुमार फतेहाबाद चिल्ली झील से गाद निकालने के लिए 16 फीट तक खोदाई की जाएगी। माना
विनोद कुमार, फतेहाबाद :
चिल्ली झील से गाद निकालने के लिए 16 फीट तक खोदाई की जाएगी। माना जा रहा है कि चिल्ली झील की इतनी ही गहराई थी। लेकिन समय के साथ यहां पर मिट्टी आ गई और यह चिल्ली ना रहकर समतल क्षेत्र बन गया। यहीं कारण है कि अब इस झील की खोदाई कर गाद निकालने का प्लान तैयार किया है। चिल्ली झील करीब 27 कनाल तक फैली हुई है। लेकिन तीन कनाल में लोगों का कब्जा है। ऐसे में जिला प्रशासन 24 कनाल में ही इस चिल्ली झील को विकसित करने जा रहा है। जिस स्थान पर कब्जा है उसका मामला कोर्ट में चल रहा है। यह वह जगह जो मुख्य तल से दूर है। ऐसे में इसका उपयोग बाद में दीवार निकालने के लिए किया जाएगा।
पिछले दिनों ही डीसी ने नगरपरिषद व चिल्ली झील का निरीक्षण किया था। मुख्यमंत्री घोषणा में पिछले पांच सालों से यह प्रोजेक्ट लटक रहा था। बार बार उच्चाधिकारियों द्वारा स्टेटस मांगने के कारण अधिकारी भी शर्मसार हो रहे थे। यही कारण है कि डीसी ने अधिकारियों को आदेश दिए थे कि मानसून बंद होने के तुरंत बाद इस पर काम शुरू हो जाना चाहिए। इससे पहले टेंडर व अन्य कागजी कार्रवाई पूरी हो जानी चाहिए। जिस तरह अधिकारियों की गतिविधियां चल रही है उससे उम्मीद है कि वो समय दूर नहीं जब यह झील एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो जाएगा।
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तीन विभाग के अधिकारी एक साथ काम करेंगे।
जिला प्रशासन ने जिले के तीन विभाग जिसमें जनस्वास्थ्य विभाग, सिचाई विभाग व नगरपरिषद के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। इनके काम भी बांट दिए गए है। सिचाई विभाग का काम होगा कि चिल्ली की खोदाई करे यहां पर बड़ा टैंक बनाया जाए ताकि इसी झील का रूप दिया जा सके। वहीं जनस्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदारी दी गई कि वह बरसाती पानी को रंगोई नाले में छोड़े। इसके लिए चिल्ली के पास एक बड़ा टैंक बनाया जाएगा। जिसमें सीवरेज व बरसात का पानी इकट्ठा होगा। इसके लिए जनस्वास्थ्य विभाग रंगोई नाले तक स्पेशल लाइन बिछाकर इस काम को करेगा। चिल्ली झील की खोदाई करीब 16 फीट तक की जाएगी। इसके लिए अधिकारियों से एस्टिमेट मांगा गया है कि वो बात दे और रुपये पास करवाए जा सके। वही नगरपरिषद के अधिकारियों की जिम्मेदारी सुंदरीकरण पर लगाई गई है। इसके अलावा जो राशि खर्च होगी वो नगरपरिषद की तरफ से वहन किए जाएंगे।
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अब जरा आंकड़ों पर डाले नजर
-चिल्ली की कितनी है जमीन : 27 कनाल 9 मरले
-झील पर लोगों का कब्जा : 17 लोगों का
-कितनी जमीन पर कब्जा : 3 कनाल
-मुख्यमंत्री ने कब की थी घोषणा : 2015
-मुख्यमंत्री ने कितनी मिल चुकी है राशि : 8 करोड़ 42 लाख रुपये
-नप ने कंप्यूटराइज्ड करवाई निशानदेही : 2017
-निशानदेही पर खर्च हुई थी राशि : 3 लाख रुपये
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अब इस अड़चन को करना है दूर
अब सबसे बड़ी अड़चन रंगाई नाले में पानी छोड़ने को लेकर है। किसी भी पानी को बिना ट्रीट किए हुए नहीं छोड़ सकते। ऐसे में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का होना जरूरी है। जिला प्रशासन के पास इतने रुपये व जगह नहीं है कि वह चिल्ली पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगा सके। इसके लिए माजरा रोड पर स्थित हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान का इस्तेमाल करना है। इसके लिए जनस्वास्थ्य विभाग अपने स्तर पर दो से तीन बार प्रयास कर चुके है। लेकिन अधिकारियों ने इसका उपयोग करने से इन्कार कर दिया है। ऐसे में अब जिला प्रशासन को अपने स्तर पर यह काम हाथ में लेना होगा और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को मनाना होगा। अगर यह समस्या दूर हो जाएगी तो आने वाले समय में इस पर काम भी शुरू हो जाएगा।
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चिल्ली झील की करीब 16 फीट तक खोदाई की जाएगी। माना जा रहा है कि पहले इसकी गहराई इतनी ही थी। इसके लिए सिचाई विभाग को पत्र लिख दिया है। सिचाई विभाग को एस्टिमेट बनाने के लिए कहा है। जैसे ही एस्टिमेट आ जाएगा तो रुपये जारी कर दिया जाएगा। वहीं हम भी चिल्ली के सुंदरीकरण के लिए नक्शा बना रहे है।
अमित कौशिक
कार्यकारी अभियंता नगरपरिषद फतेहाबाद।