टोहाना में बासमती बिक रहा परमल से सस्ता

संवाद सहयोगी टोहाना टोहाना में पहले मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने परमल धान की खर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 07:03 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 07:03 AM (IST)
टोहाना में बासमती बिक रहा परमल से सस्ता
टोहाना में बासमती बिक रहा परमल से सस्ता

संवाद सहयोगी, टोहाना :

टोहाना में पहले मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने परमल धान की खरीद 28 अगस्त से शुरू करवाने के आदेश दिए थे। इसके चलते कई किसान धान लेकर अनाज मंडी में आ गए। लेकिन अभी तक टोहाना अनाज मंडी में परमल धान की खरीद शुरू नहीं हुई। इससे किसान परेशान है। हालांकि परेशानी इस बार बासमती धान उत्पादक का ज्यादा आ रही हैं। बेशक मंडी में बासमती धान की खरीद शुरू हो गई। लेकिन मंडियों में फिलहाल बासमती 1509 किस्म का धान परमल से सस्ता बिक रहा है। जबकि गत वर्ष इस किस्म के धान के भाव 2500 रुपये से लेकर 2700 रुपये क्विंटल तक थे। ऐसे में किसान को प्रति क्विंटल एक हजार रुपये का नुकसान हो रहा है।

सोमवार को टोहाना मंडी में करीब 850 क्विंटल बासमती 1509 धान की खरीद हुई। बासमती धान का समर्थन मूल्य सरकार निर्धारित नहीं करती। ऐसे में इसका भाव व्यापारियों के स्वभाव के साथ अंतराष्ट्रीय मांग पर निर्धारित होता है। अब टोहाना सहित अन्य मंडियों में बासमती धान का भाव 1800 रुपये से लेकर 2050 रुपये प्रति क्विंटल तक चल रहा है। जबकि परमल धान का भाव 1888 रुपये हैं। ऐसे में परमल से उच्च क्वालिटी का होने के बाद भी किसान का बासमती का कम भाव मिल रहा है। किसानों की मांग है कि सरकार बासमती का भी समर्थन मूल्य निर्धारित करें। ताकि किसानों को परेशानी न आए।

----------------------- आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान मास्टर रघबीर सिंह ने कहा कि एक तरफ तो सरकार यह कह रही है कि किसान अपनी फसल कहीं भी ले जाकर बेच सकता है। जबकि दूसरी ओर किसान जोकि टोहाना के सीमावर्ती पंजाब क्षेत्र से है। वे वह अपनी फसल टोहाना अनाज मंडी में नहीं बेच सकते। जिसके चलते टोहाना अनाज मंडी में आज भी हरियाणा सरकार के द्वारा कोई खरीद नहीं हुई और कोई भी सरकारी एजेंसी का इंस्पेक्टर धान खरीदने के लिए मंडी में नहीं आया। जबकि क्षेत्र के किसान अनाज मंडी में धान लेकर आ रहे है।

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कई किसान एक सप्ताह से कर रहे इंतजार

गांव राजगढ़ ढोबी के किसान धर्मवीर सिंह ने बताया कि वह पिछले 12 दिनों से मंडी में धान की फसल की ढेरियां लगाये हुए हैं। सरकारी अधिकारी व कर्मचारी कोई भी उसकी सुध लेने नहीं पहुंचा। जबकि सरकार कह रही है कि किसान का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। इसी तरह गांव चंदड़कलां के किसान हरप्रीत ने बताया कि वे एक सप्ताह पहले धान लेकर आया था। लेकिन सरकार परमल धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं हो रहा।

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