विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर नागरिक अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

-फतेहाबाद जिला के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में हेपेटाइटिस बी व सी के लिए स्क्रीनिग कैंप लगाए गए। इस दौरान लोगों को जागरूक किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 07:25 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 07:25 AM (IST)
विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर नागरिक अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर नागरिक अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

-जिला के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में हेपेटाइटिस बी व सी के लिए स्क्रीनिग कैंप लगाए

फतेहाबाद (विज्ञप्ति): विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर स्थानीय नागरिक अस्पताल में सिविल सर्जन डा. वीरेश भूषण की अध्यक्षता में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के तहत जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में हेपेटाइटिस बी और सी के लिए स्क्रीनिग कैंप लगाए गए।

इस अवसर पर सीएमओ डा. वीरेश भूषण ने बताया कि हेपेटाइटिस का अर्थ लीवर में सूजन है। अगर लीवर में सूजन या लीवर डैमेज होता है तो उसके काम करने को क्षमता प्रभावित होती है। इस बीमारी के सबसे आम लक्षणों में त्वचा या आंखों की सफेद हिस्से का पीला पड़ जाना, बुखार आना, पेट मे दर्द, गहरे रंग का पेशाब आना, अत्यधिक थकान, भूख की कमी, जी मिचलाना और उल्टी का आना शामिल हैं। इन लक्षणों को कभी भी अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए तथा लक्षण दिखने पर नजदीकी नागरिक अस्पताल में डाक्टर को जरूर दिखाएं। हेपेटाइटिस के वायरस पांच प्रकार के होते हैं, हैपेटाइटिस ए, बी, सी, डी व ई। हेपेटाइटिस ए व ई विषाणु जनित रोग हैं तथा इनका वायरस दूषित पानी व दूषित खाने से फैलता है। हेपेटाइटिस बी (काला पीलिया) का वायरस संक्रामक रक्त, वीर्य और शरीर के अम्ल तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है। इसके अलावा यह वायरस संक्रमित सीरिजों के पुन उपयोग से, संक्रमित मां से बच्चों में व असुरक्षित यौन संबंधों से भी फैलता है। हेपेटाइटिस सी (काला पीलिया) का वायरस संक्रमित रक्त, संक्रमित रक्त उत्पाद, दूषित सूई, संक्रमित रेजर व टूथब्रश, असुरक्षित यौन संबंध अथवा संक्रमित चिकित्सीय उत्पादों से होता है। हेपेटाइटिस बी व सी के अंतिम चरण में सिरोसिस और लीवर कैंसर हो सकता है।

उप सिविल सर्जन डा. हनुमान सिंह ने हेपेटाइटिस से बचाव बारे जानकारी देते हुए बताया कि व्यक्ति साफ-सुथरा भोजन व पानी ग्रहण करें। किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई रेजर, सुई, टूथब्रश आदि इस्तेमाल ना करें, असुरक्षित यौन संबंधों से बचें, संक्रमित रक्त का प्रयोग ना करें, बच्चों का टीकाकरण समय पर कराएं।

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