यमुना नदी का बढ़ रहा जलस्तर, पर चिता नहीं

ओखला बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद अब यहां यमुना नदी में जलस्तर बढ़ रहा है। हालांकि जिले की सीमा में करीब 50 से 55 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 05:07 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 05:07 PM (IST)
यमुना नदी का बढ़ रहा जलस्तर, पर चिता नहीं
यमुना नदी का बढ़ रहा जलस्तर, पर चिता नहीं

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : ओखला बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद अब यहां यमुना नदी में जलस्तर बढ़ रहा है। हालांकि जिले की सीमा में करीब 50 से 55 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। इस वजह से फिलहाल चिता की बात नहीं है। किनारे बसे हुए गांव के लोग दिन-रात कई-कई बार जाकर जलस्तर को देख रहे हैं। यदि इससे अधिक यमुना नदी में पानी छोड़ा गया तो वह आसपास के खेतों में और तलहटी में बने हुए निर्माणों में घुसना शुरू हो जाएगा, हालांकि सिचाई विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि अब और जलस्तर नहीं बढ़ेगा। 28 जुलाई को हथिनी कुंड बैराज से 1.32 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जो यहां आते-आते 27 हजार क्यूसेक रह गया था। प्रशासन अलर्ट

यमुना नदी में बेशक जलस्तर खतरे के निशान के आसपास नहीं है, लेकिन प्रशासन अलर्ट हो गया है। ग्राम सचिव व पटवारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। ग्रामीणों को यमुना नदी पार न करने और नाव व चलाने की हिदायत दी जा चुकी है। तलहटी में बने हुए निर्माणों को खाली करने के लिए कहा जा चुका है। किनारे बसे हुए गांव में मुनादी कराने की भी बात कही जा रही है। दो साल पहले आई थी बाढ़

दो साल पहले यमुना नदी में बाढ़ आई थी। तब बसंतपुर गांव के पुस्ता बांध तक पानी आ गया था। इस वजह से बांध के अंदर बने हुए हजारों मकानों में पानी भर गया था। कई दिन तक लोगों को परेशानी हुई। बता दें यमुना नदी किनारे बसंतपुर, ददसिया, किड़ावली, महावतपुर, भसकौला, मौजाबाद, मंझावली, चांदपुर, अरुआ, साहुपुरा सहित अन्य गांव बसे हुए हैं। इन गांव की सैकड़ों एकड़ जमीन यमुना नदी पार है। इसलिए ये नाव या अन्य साधनों से यमुना नदी पार आते-जाते रहते हैं। ददसिया गांव निवासी दयानंद ने बताया कि फिलहाल तो खतरा नहीं है, लेकिन अब और जलस्तर बढ़ा तो दिक्कत होगी। प्रशासन की टीमें जलस्तर की निगरानी कर रही हैं। ओखला बैराज से 47 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिले में हो रही बरसात की वजह से यह मात्रा 50 से 55 हजार क्यूसेक हो गई है। अभी खतरे वाली कोई बात नहीं है।

- वीएस रावत, कार्यकारी अभियंता, सिचाई विभाग

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