औद्योगिक नगरी में सार्वजनिक परिवहन सुविधा नाकाफी
औद्योगिक नगरी फरीदाबाद की आबादी 30 लाख है। सरकार औद्योगिक नगरी के ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं का अभाव है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : औद्योगिक नगरी फरीदाबाद की आबादी 30 लाख है। सरकार औद्योगिक नगरी को स्मार्ट सिटी भी बना रही है। यहां काफी संख्या में उद्योगों में काम करने वाले दूसरे प्रदेशों से आए श्रमिक रहते हैं। इसके बावजूद जिले में सार्वजनिक परिवहन सुविधा के नाम पर हरियाणा रोडवेज की सिर्फ 97 बसें हैं। इनमें से मुश्किल से 70 बसें चालू हालत में रहती हैं। सिटी बस सेवा के नाम पर 20 बस चलाई जा रही हैं। करीब 15 लाख लोग ऐसे हैं, जिनके पास अपने साधन नहीं हैं। वे आटो रिक्शा में बैठ कर अपना सफर तय करते हैं, या फिर साइकिल से आवागमन करते हैं। जिले में 30 हजार आटो चल रहे हैं। अक्सर आटो में बैठे लोगों के साथ हादसे हो जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में नहीं है सार्वजनिक परिवहन सुविधा
ग्रामीण क्षेत्र में तो सार्वजनिक परिवहन के नाम कुछ भी नहीं है। यहां पर हरियाणा रोडवेज की बसें भी नहीं आती-जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्र से स्कूल-कालेज में पढ़ने के लिए आने वाली छात्राओं को खासी परेशानी होती है। सरकार ने स्कूल-कालेज में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए गुलाबी रंग में छोटी विशेष बस सुविधा शुरू की थी। कोरोना के समय इन बसों को एंबुलेंस में बदल दिया गया। बाद में इन बसों को गुरुग्राम रूट पर चलाया हुआ है। ग्रामीण क्षेत्र की छात्रा आटो में बैठ कर पढ़ने के लिए शिक्षण संस्थानों में आती हैं। आटो मनमाना किराया वसूलते हैं और ओवरलोड सवारी भर कर चलते हैं। पिछले दिनों परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा से बल्लभगढ़-सोहना वाया सरमथला रूट के ग्रामीणों ने बस चलाने की मांग की थी। ग्रामीणों की मांग के बाद भी बस सुविधा शुरू नहीं की गई है। सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं का नारा दे रही है, लेकिन उनके लिए स्कूल-कालेज आने के लिए सार्वजनिक परिवहन की सुविधा भी तो सु²ढ़ की जानी चाहिए। मैं मंधावली गांव से सुषमा स्वराज राजकीय महिला कालेज बल्लभगढ़ में पढ़ने के लिए आटो से आती हूं।
-उर्वशी कौशिक सरकार के पास आर्थिक संसाधन लिमिटेड हैं। आबादी बहुत ज्यादा है। यही कारण की सरकारी सार्वजनिक परिवहन सुविधा बहुत कम दिखाई देती है। दिल्ली के लिए हर पांच मिनट में मेट्रो की सुविधा है। मेट्रो से एनसीआर के सभी शहर जुड़े हुए हैं।
-चांद सिंह, सेवानिवृत्त महाप्रबंधक, हरियाणा रोडवेज हरियाणा रोडवेज की एक-दो ग्रामीण रूटों को छोड़ कर अन्य रूटों पर बस चल रही हैं। इनमें बल्लभगढ़-मोहना, फरीदाबाद-शाहबाद, बल्लभगढ़ -सरमथला, बल्लभगढ़-धौज पर बस चल रही हैं। हमारे पास 97 बसें हैं, जिनमें से 72 बस हमेशा चालू हालत में रहती हैं और लंबे रूटों पर चलती हैं। महिलाओं के लिए गुलाबी मिनी बस चलाई थी, लेकिन महिला नहीं बैठती। यही कारण है कि इन बसों को रूट पर चलाना पड़ रहा है।
-राजीव नागपाल, महाप्रबंधक, हरियाणा रोडवेज फरीदाबाद