41 साल से दूध की कमी पूरा कर रहा वीटा डेयरी प्लांट

हरियाणा वीटा डेयरी सहकारी दूध प्लांट बल्लभगढ़ ने पिछले 41 वर्षों में यहां पर सफेद क्रांति लाने का काम किया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 04:24 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 04:24 PM (IST)
41 साल से दूध की कमी पूरा कर रहा वीटा डेयरी प्लांट
41 साल से दूध की कमी पूरा कर रहा वीटा डेयरी प्लांट

सुभाष डागर, बल्लभगढ़

हरियाणा वीटा डेयरी सहकारी दूध प्लांट बल्लभगढ़ ने पिछले 41 वर्षों में यहां पर सफेद क्रांति लाने का काम किया। प्लांट से हजारों किसानों, युवाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। यहां के किसानों को दूध का अच्छा भाव मिल रहा है। भुगतान की पूरी तरह से गारंटी है। यही वजह है कि गर्मी के मौसम में अभी भी प्लांट में रोजाना 80 से 85 हजार लीटर दूध की आवक हो रही है। 41 वर्ष पहले हुआ था प्लांट का उद्घाटन

प्रदेश के सहकारी विभाग ने क्षेत्र के किसानों को रोजगार देने के लिए 31 जुलाई, 1979 को वीटा डेयरी दूध का प्लांट बल्लभगढ़ में लगाया। इसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल ने किया। दूध प्लांट लगने से पहले यहां के किसानों के दूध को दूधिया औने-पौने भाव में खरीदते थे। जब गर्मी का मौसम होता और दूध की किल्लत होती थी, तो दूधिया अच्छे रेट देकर महंगा दूध खरीदते थे। वहीं जब सर्दियों में दूध की उपलब्धता ज्यादा होती, तो दूध सस्ता खरीदते थे। कई बार दूधिया पशुपालक की ज्यादा रकम होने के कारण रुपये लेकर भाग जाते थे। प्लांट लगने के बाद किसानों में एक विश्वास हुआ कि अब उनके दूध की रकम को लेकर कोई नहीं भाग सकता। यही वजह रही कि किसानों ने दूधिया की बजाय प्लांट को दूध देना शुरू कर दिया। प्लांट समितियों से लेता है दूध

गांवों में किसानों ने अपनी-अपनी सहकारी समिति बनाई हैं। इनके प्रधान और सचिव होते हैं, जो प्लांट प्रबंधन के साथ समय-समय पर किसानों की समस्याओं को रखते हैं। किसान अपना दूध समिति को देते हैं और समिति से प्लांट का वाहन दूध लेकर आता है। फिलहाल प्लांट के अंतर्गत 400 गांवों में समितियां काम कर रही हैं। करीब 7 हजार किसान दूध बेचकर लाभ उठा रहे हैं। इस तरह से हजारों लोगों को रोजगार मिला है। शहर में बूथ बनाकर बिकता है दूध

वीटा प्लांट ने शहरों में बेरोजगार युवाओं को दूध के बूथ दिए हैं। इन बूथों से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। इन बूथों पर नियमित प्लांट के वाहन दूध पहुंचाते हैं और यहां से शहर व कॉलोनियों के लोग वीटा का दूध, दही, घी, पनीर, छाछ खरीदकर ले जाते हैं।

जब से वीटा प्लांट शुरू हुआ है, तब से हम दूध दे रहे हैं। वीटा पशुओं के स्वास्थ्य के लिए दवाएं और खुराक भी उपलब्ध कराता है, ताकि पशु दूध अच्छा देते रहें।

-साहबराम, पशुपालक मैंने सात-आठ पशु रखे हैं। सहकारी समिति के माध्यम से दूध वीटा को देता हूं। दूध का भुगतान समय पर होता है और रकम डूबने की चिता नहीं रहती है।

-अजय चंद भाटी, पशुपालक वीटा किसानों को दूध का अच्छा भाव देता है। वहीं उन्हें हर वर्ष बोनस भी देता है। किसानों को दूध गांव से बाहर कहीं ले जाने की जरूरत नहीं है। प्लांट खुद गांव से दूध उठाकर लाता है। किसानों को वीटा से निश्चित ही लाभ हुआ है।

-बलीना, प्रशासक, हरियाणा वीटा डेयरी दूध प्लांट बल्लभगढ़

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