अंकुर के परिवार की सच्चाई जानकार पड़ोसी रह गए दंग

विकास दुबे और उसके गुर्गों को शरण देने का आरोपित अंकुर यहां माता-पिता पत्नी भाई व बहन के साथ रहता है। वह विकास दुबे का दूर का रिश्तेदार है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 07:08 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 07:08 PM (IST)
अंकुर के परिवार की सच्चाई 
जानकार पड़ोसी रह गए दंग
अंकुर के परिवार की सच्चाई जानकार पड़ोसी रह गए दंग

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : विकास दुबे और उसके गुर्गों को शरण देने का आरोपित अंकुर यहां माता-पिता, पत्नी, भाई व बहन के साथ रहता है। अंकुर की मां हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की भाभी की मौसी है। पड़ोसियों ने बताया है कि परिवार के सभी सदस्य काफी मिलनसार हैं। पड़ोसियों ने विकास दुबे व उसके साथियों को हरि नगर में आते-जाते देखने से इंकार किया है। पड़ोसियों का कहना है कि जब पुलिस ने यहां छापेमारी की तो वे दंग रह गए। उन्हें जरा भी विश्वास नहीं हुआ कि बिल्कुल सीधे-सादे दिखने वाले परिवार के संबंध इस तरह के कुख्यात बदमाश से भी हो सकते हैं, यह पड़ोसियों ने सोचा ही नहीं था।

पड़ोसियों ने बताया कि मंगलवार शाम अचानक से पुलिस के वाहन यहां पहुंचने शुरू हुए। एक के बाद एक कई वाहन पहुंचे। पुलिस ने अंकुर के मकान को घेर लिया। कुछ पुलिसकर्मी हथियारों के साथ गली में भी मौजूद रहे। थोड़ी देर बाद ही पुलिस अंकुर के परिवार के सदस्यों व प्रभात को जिप्सी में लेकर रवाना हो गई। उनके जाने के बाद ही पड़ोसियों को पता चला कि यहां विकास दुबे रुका हुआ था। अंकुर एक निजी अस्पताल में काम करता है, एक साल पहले की उसकी शादी हुई है। रात में घर के बाहर की लाइट बंद होने से भी हुआ संदेह

एक पड़ोसी ने बताया है कि दो-तीन दिन से अंकुर के परिवार का व्यवहार कुछ बदला हुआ था। उन्होंने बताया था कि रिश्तेदार आए हुए हैं, मगर किसी रिश्तेदार को आते-जाते नहीं देखा। पहले परिवार के सदस्य रात में घर के बाहर लाइट जलाकर सोते थे, मगर दो-तीन से उनके घर के बाहर की लाइट बंद रहने लगी थी। इससे कुछ संदेह हुआ। परिवार के सदस्यों ने पड़ोसियों से कुछ मिलना-जुलना भी कम कर दिया था। एक अन्य पड़ोसी ने बताया कि अंकुर के परिवार वाले अक्सर चर्चा करते थे कि यूपी में एक रसूखदार व्यक्ति से उनकी रिश्तेदारी है। जिस दिन कानुपर में विकास दुबे द्वारा आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की खबर आई थी, उस दिन परिवार में काफी हलचल रही थी। अंकुर व उसके परिवार के अन्य सदस्य लगातार फोन पर किसी से बातचीत करते सुने गए थे। उनकी आवाज से परेशानी भी साफ झलक रही थी।

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