छिपने के लिए बदमाशों को रास आती है औद्योगिक नगरी
दूसरे राज्यों या जिलों के बदमाशों को छिपने के लिए औद्योगिक नगरी फरीदाबाद खूब रास आती है। राजधानी दिल्ली से एक दम सटा हुए इस शहर में मुंबई के धारावी के बाद बड़ा स्लम क्षेत्र और अवैध कॉलोनियां हैं।
सुशील भाटिया, फरीदाबाद : दूसरे राज्यों या जिलों के बदमाशों को छिपने के लिए औद्योगिक नगरी फरीदाबाद खूब रास आती है। राजधानी दिल्ली से एक दम सटे हुए इस शहर में मुंबई के धारावी के बाद बड़ा स्लम क्षेत्र और अवैध कॉलोनियां हैं। इस नाते यहां पर अपराधियों को पनाह बड़ी आसानी से मिल जाती है। यहां तक की विगत वर्षों में कई आतंकवादी व आइएसआइ के एजेंट भी पकड़े जा चुके हैं।
ताजा मामला यूपी के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे व उसके साथी का है। कानपुर से फरार होने के बाद दोनों को फरीदाबाद सुरक्षित ठिकाना लगा। यहां दो दिन से वे एक रिश्तेदार के घर पर छिपे रहे। पिछले माह 23 जून को रेवाड़ी पुलिस ने गुरुग्राम के एक बदमाश राहुल गुर्जर को भी दो पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया था। हत्या व लूट सहित कई मुकदमों में नामजद यह आरोपित काफी समय से फरीदाबाद में छिपा हुआ था। उसके कुछ स्थानीय बदमाशों के संपर्क में आने की बात भी पता चली है।
पिछले साल 21 जुलाई को लोनी गाजियाबाद के 25 हजार का इनामी बदमाश प्रदीप मुठभेड़ के बाद यहीं से पकड़ा गया था। वह करीब डेढ़ महीने से एसआरएस रेजिडेंसी ईडब्ल्यूएस फ्लैट में छिपकर रह रहा था। इससे पहले गांव तिगांव निवासी नरेंद्र उर्फ निदर फरीदाबाद में कई मुकदमों में वांछित था। सुंदर भाटी गैंग के सक्रिय सदस्य निदर पर नोएडा पुलिस ने 25 हजारका इनाम घोषित किया था, उसे 27 अप्रैल 2019 को क्राइम ब्रांच सेक्टर-85 ने गिरफ्तार किया। गांव दीघौट पलवल निवासी जसबीर और गांव मोहना निवासी जयवीर ने भी काफी समय से फरीदाबाद में शरण ली हुई थी। इनके ऊपर हत्या, हत्या के प्रयास, लूटपाट और रंगदारी मांगने के मामले दर्ज थे।
आतंकवादी भी हुए हैं गिरफ्तार
एसजीएम नगर में रहते हुए दिल्ली में आतंकी गतिविधियों में सक्रिय असगर का एनकाउंटर और बल्लभगढ़ की मुकेश कालोनी में किराए के मकान में भारी गोला-बारूद व विदेशी हथियारों के साथ रहे आतंकवादी अबु का दिल्ली में एनकाउंटर होना भी इस बात के प्रमाण है। यहां की गांधी कालोनी, दौलताबाद, बड़खल कालोनी, एसजीएम नगर से आइएसआइ एजेंट भी पकड़े जा चुके हैं ग्रेटर फरीदाबाद की सोसायटियों को सुरक्षित मान रहे अपराधी
ग्रेटर फरीदाबाद की विभिन्न सोसायटियों में खासतौर से ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स अपराधियों के लिए सुरक्षित ठिकाने बन रहे हैं। इन फ्लैट्स का किराया ज्यादा नहीं होता। वहीं इनमें आने जाने को लेकर ज्यादा रोकटोक नहीं होती। आस-पास फ्लैट में रहने वालों को भी एक दूसरे से ज्यादा मतलब नहीं होता। ऐसे में अपराधी चुपचाप आकर इन फ्लैट्स में रुक जाते हैं। दूसरा स्लम क्षेत्र में रहने पर पुलिस की कोई नजर नहीं पड़ती और यहां कभी किराएदार पहचान अभियान नहीं चला। फरीदाबाद को सुरक्षित ठिकाना समझना अपराधियों की भूल है। हमारी टीमें उनके बारे में जानकारी जुटा लेती हैं और गिरफ्तार कर जेल भेजती है। ज्यादातर मामलों में फरीदाबाद पुलिस ने ही यहां छिपे आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
-मकसूद अहमद, डीसीपी क्राइम