उर्वरा शक्ति बढ़ाने को लिए जा रहे मिट्टी-पानी के नमूने

जमीन की उर्वरा को बढ़ाने और जल प्रदूषण को कम करने के लिए मिट्टी के नमूने भरे जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 05:03 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 05:03 PM (IST)
उर्वरा शक्ति बढ़ाने को लिए 
जा रहे मिट्टी-पानी के नमूने
उर्वरा शक्ति बढ़ाने को लिए जा रहे मिट्टी-पानी के नमूने

जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : जमीन की उर्वरा को बढ़ाने और जल प्रदूषण को कम करने के लिए मिट्टी-पानी के नमूने लेने का कार्य गांवों में शुरू हो चुका है। 200 एकड़ जमीन पर कर्मचारी की ड्यूटी नमूने लेने के लिए लगाई गई है।

जमीन में लगातार रासायनिक खाद, खरपतवार नाशक, कीटनाशक के छिड़काव करने से उर्वरा कमजोर हो रही है। अब फसल का प्रति एकड़ उत्पादन घटने लगा है। जमीन पूरी तरह से बीमार हो गई है। खाद और दवाओं के बहुतायत प्रयोग से भूजल का भी लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। ऐसा किसानों के पास उनकी जमीन और पानी का स्वास्थ्य कार्ड न होना सबसे बड़ा कारण बताया गया है। अब तक जिले में भूमि स्वास्थ्य कार्ड के नाम पर मात्र 807 कार्ड बनाए गए हैं। इस बार सरकार ने जिले में भूमि स्वास्थ्य कार्डों की संख्या बढ़ाने के लिए योजना बनाई है। योजना के अनुसार जो स्वास्थ्य कार्ड बनाया जाएगा, किसान उसके अनुसार ही रासायनिक, आर्गेनिक खाद और दवाओं का प्रयोग करेंगे। ताकि भूमि व जल प्रदूषण न हो और उत्पादन को दोबारा से बढ़ाया जा सके। हमने नमूने लेने शुरू कर दिए हैं। इसके लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जैसे अब जमीन में से फसल कटेगी, उसके अनुसार ही मिट्टी-पानी के नमूने लिए जाएंगे। तीन वर्ष में पूरे खंड को कवर किया जाएगा। हर एकड़ से मिट्टी और पानी का नमूना लिया जाएगा। सभी नमूनों की जांच बल्लभगढ़ मिट्टी-पानी प्रयोगशाला में की जाएगी।

-डा. महाबीर सिंह, उपनिदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग फरीदाबाद

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