बारिश के बाद टूट गई शहर की सड़कें
नगर निगम बेशक शहर को स्मार्ट बनाने के लाख दावे कर रहा है पर हकीकत सभी के सामने है। शहर की सड़कें एक बारिश नहीं झेल पाती। अनेक जगह सड़कों पर जानलेवा गड्ढे बन जाते हैं।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : नगर निगम बेशक शहर को स्मार्ट बनाने के लाख दावे कर रहा है, पर हकीकत सभी के सामने है। शहर की सड़कें एक बारिश नहीं झेल पाती। अनेक जगह सड़कों पर जानलेवा गड्ढे बन जाते हैं। अधिकतर जगह सड़कों के ऊपर से तारकोल गायब हो गया है, छोटे-छोटे पत्थर ऊपर आ गए हैं। वाहन चालकों के लिए परेशानी हो रही है। बृहस्पतिवार को हुई बारिश ने निगम अधिकारियों और सड़क बनाने वाले ठेकेदारों के बीच हुई मिलीभगत की पोल खोल दी है। शहर में ऐसी हालत एक-दो सड़कों की नहीं बल्कि बाईपास से लेकर अन्य मुख्य सड़कों का भी हाल बेहाल है। यहां-यहां हैं गड्ढे
सेक्टर-15ए, सेक्टर-16 में भी सड़क जर्जर है। बल्लभगढ़, सराय, ओल्ड फरीदाबाद, एनआइटी में भी कई जगह सड़कों की हालत खराब है। जर्जर सड़कों में न केवल घटिया निर्माण सामग्री के प्रयोग सामने आ रहा है बल्कि अधिकारियों की मॉनिटरिग भी कटघरे में है। अधिक कमाई के चलते सड़क निर्माण करने वाला ठेकेदार इतनी लापरवाही बरतता है कि एक बरसात में सड़क से तारकोल गायब हो जाता है। कई जान ले चुके हैं गड्ढे
सड़क पर गड्ढे कई जान ले चुके हैं। टूटी सड़क के कारण वर्ष 2010 में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाटा मोड़ के निकट सेक्टर-19 निवासी मनोज वधवा के तीन वर्षीय बेटे पवित्र की मौत हो गई थी। पिछले दिनों पलवली गांव निवासी 40 वर्षीय शारदा भी मास्टर रोड पर एक गड्ढे का शिकार हुई। इसके अलावा कई परिवार ऐसे गड्ढों की वजह से आज भी दुख झेल रहे हैं। स्मार्ट सिटी बनाने से अधिक जरूरी सड़कों की हालत में सुधार करना है। सबसे पहले ऐसे अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए जिनकी देखरेख में सड़कें बनी हैं। इसके बाद ठेकेदार पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। यदि सड़क दुर्घटना का कारण गड्ढा सामने आता है तो संबंधित अधिकारी व ठेकेदार पर केस दर्ज होना चाहिए।
-एनके गर्ग, अधिवक्ता एवं प्रधान, कन्फेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए। जहां सड़क जर्जर हो गई है, वहां जल्द मरम्मत कराई जाएगी। इसके लिए जल्द निरीक्षण किया जाएगा कि कहां-कहां सड़कों की हालत खराब है।
-ओमबीर सिंह, कार्यकारी अभियंता, नगर निगम।