टूटी सड़कों से उद्योगपति परेशान, नहीं हो रहा कोई समाधान

प्रदेश के खजाने को अपने दिए राजस्व से भरने वाला औद्योगिक क्षेत्र अपने विकास के लिए आस लगाए बैठा है। टूटी सड़कों के मामले में स्थानीय उद्यमियों की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 06:53 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 06:53 PM (IST)
टूटी सड़कों से उद्योगपति परेशान, नहीं हो रहा कोई समाधान
टूटी सड़कों से उद्योगपति परेशान, नहीं हो रहा कोई समाधान

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : प्रदेश के खजाने को अपने दिए राजस्व से भरने वाला औद्योगिक क्षेत्र खुद के विकास के लिए सरकार से उम्मीदें लगाए बैठा है। टूटी सड़कों के मामले में स्थानीय उद्यमियों की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। हालात ऐसे हैं कि उद्योगपतियों और यहां काम करने वाले कर्मचारियों को रोजाना फैक्ट्रियों तक पहुंचने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है। टूटी-फूटी सड़कें, बड़े-बड़े गड्ढे और इनमें भरा हुआ पानी, कई रुकावटें पैदा करता है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से लेकर नगर निगम में शिकायतें की गई, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। गाड़ियों में हो रहा नुकसान

सेक्टर-25 औद्योगिक सेक्टर सोहना पुल के पास बसा हुआ है। कई साल हो गए, लेकिन यहां सड़कों सहित सीवर व अन्य समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया। यहां करीब 60 करोड़ रुपये के काम होने हैं। इनके टेंडर हो चुके हैं, लेकिन मामला कोर्ट में जा चुका है। एक ठेकेदार की वजह से डेढ़ साल से काम रुका हुआ है। यहां के कारखानों में कच्चे माल से भरे बड़े-बड़े कैंटर आते हैं। कई बार गड्ढे में फंस जाते हैं, तो कई बार पलट जाते हैं। कई बार गाड़ियों में नुकसान हो जाता है। इसका पूरा खामियाजा उद्योगपतियों को भुगतना पड़ता है। वर्जन..

चार साल से हाल बदहाल है। जब भी बारिश होती है, सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्ढों में पानी भर जाता है। इसके बाद यदि हम अपनी गाड़ी लेकर गुजरते हैं, तो गंदा पानी अंदर घुस जाता है। गलत दिशा से अपनी फैक्ट्री जाने की कोशिश करते हैं, तो पुलिस चालान करती है।

-अशोक ढाका, संचालक, हिदुस्तान एयर गैसिस।

फैक्ट्री के सामने इतने बड़े गड्ढे हैं कि निकलना मुश्किल हो रहा है। रोजाना कोई न कोई कर्मचारी साइकिल, स्कूटी व मोटरसाइकिल लेकर गिर जाता है। कई बार गंभीर चोटें लग चुकी हैं। गड्ढे के पत्थरों से गाड़ियों को नुकसान हो रहा है, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है।

- हरीदत्त शर्मा, प्रबंधक, पैरा माउंट पॉलीमर प्राइवेट लिमिटेड।

मूलभूत सुविधाओं के मामले में यह सेक्टर सबसे पिछड़ा है। न तो सड़कें ठीक हैं और न ही उचित प्रकाश की व्यवस्था हैं। अंधेरा होते ही सड़क से गुजरना किसी चुनौती से कम नहीं होता। यदि यही हाल रहा, तो यहां से उद्योग को पलायन करने पर मजबूर हो जाएंगे।

- मनीष शर्मा, संचालक, आशीर्वाद टेक्सटाइल।

इस सेक्टर की सड़कें नए सिरे से बनाई जानी हैं, लेकिन यह मामला अदालत में विचाराधीन है। मरम्मत कार्य बारिश का मौसम समाप्त होने के बाद शुरू किया जाएगा।

- बीके कर्दम, अधीक्षण अभियंता, नगर निगम।

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