बारिश ने थामी रफ्तार, अंडरपास में डूबी गाड़ियां
सोमवार रात हुई बारिश ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात संचालन ध्वस्त कर दिया। जगह-जगह हुए जलभराव की वजह से वाहनों की पर ब्रेक लग गई। काफी दूर तक वाहन रेंगते नजर आए। हालांकि जाम की सूचना मिलने पर यातायात पुलिस अलर्ट हो गई थी, पर अधिक असर नहीं दिखाई दिया।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : सोमवार रात हुई बारिश ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात संचालन को ध्वस्त कर दिया। सर्विस रोड पर जगह-जगह हुए जलभराव की वजह से वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गई। काफी दूर तक वाहन रेंगते नजर आए। जाम की सूचना मिलने पर यातायात पुलिस अलर्ट हो गई थी, पर कार्य दिवस होने के चलते सड़कों पर वाहनों का दबाव ही इतना था कि उनसे ज्यादा कुछ बन नहीं पाया। दिनभर नीलम, बाटा और बड़खल रेलवे पुलों पर वाहनों की लंबी लाइनें लगी रही। जाम की वजह से हाल यह था कि सेक्टर-15 से एनआइटी की तरफ आने या एनआइटी से सेक्टर-12, 15 की तरफ जाने के लिए वाहन चालकों को आधा घंटा से अधिक लग गया।
एनएचएआइ को शहरवासियों की नहीं फिक्र
एनएचएआइ ने राजमार्ग को सिक्स लेन कर भले ही वाहवाही लूट ली हो, पर इसका फायदा शहरवासियों को नहीं मिल रहा। सिक्स लेन होने व पुल बनने से दिल्ली-आगरा आवागमन करने वाले वाहन चालकों की रफ्तार जरूर तेज हुई, पर सर्विस रोड पर पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने शहरवासियों को जब भी बारिश होती है, तब मुसीबत उठानी पड़ती है। इसमें कमी कुछ नगर निगम की ओर से भी है। दोनों में आपसी तालमेल न होने की वजह से जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है। जब भी बारिश होती है, तो दोनों ही विभागीय अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते हैं और इसी तरह से यातायात व्यवस्था ठप हो जाती है जिसका खामियाजा हजारों वाहन चालकों को भुगतना पड़ता है। अधबने पड़े हैं नाले
राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे बनने वाले नाले अधूरे हैं। जगह-जगह जमा पानी से ऐसा लगता है जैसे एनएचएआइ के रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम काम ही नहीं कर रहे हैं। राजमार्ग से एनआइटी की ओर जाने के लिए तीन मुख्य पुल बाटा, नीलम और बड़खल का वाहन चालक इस्तेमाल करते हैं। बारिश के समय तीनों पुल पर जाम लग जाता है। अंडरपास में डूबी गाड़ियां
एनएचपीसी अंडरपास में बरसात के दौरान पानी खड़ा होने व उसमें गाड़ियों के डूबने का रोग पुराना है। मंगलवार को भी ऐसे ही पानी खड़ा हुआ और उसमें गाड़ियां डूबी। हालांकि कोई हादसा नहीं हुआ। प्रशासन यह सब होने के बावजूद कोई कदम नहीं उठा रहा। राष्ट्रीय राजमार्ग पर पानी निकासी के इंतजाम किए जा रहे हैं। दोनों ओर नाले भी बनाए जा रहे हैं। नालों को रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम से कनेक्ट किया हुआ है ताकि बारिश का पानी जमीन के नीचे चला जाए। अब मंगलवार को पानी खड़ा हो गया है, तो देखा जाएगा कि समस्या कहां है। उसमें सुधार किया जाएगा।
-धीरज ¨सह, परियोजना प्रबंधक, एनएचएआइ।