पुलिस जिले में चलाएगी 'अपराधी सुधार कार्यक्रम'
कई बार व्यक्ति की प्रवृत्ति आपराधिक नहीं होती मगर इत्तेफाक से अपराध कर बैठता है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : कई बार व्यक्ति की प्रवृत्ति आपराधिक नहीं होती, मगर इत्तेफाक से वह अपराध कर बैठता है। ऐसे अपराधियों को सुधारने के लिए पुलिस 'अपराधी सुधार कार्यक्रम' चलाएगी। इसके लिए धर्म गुरुओं, योग और आध्यात्म के साथ ही सेवानिवृत्त न्यायाधीश, उच्च पुलिस अधिकारी, अधिवक्ता, उद्योगपति, जेल अधीक्षकों का भी सहारा लिया जाएगा। पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने शनिवार को सभी पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में इस योजना का खाका खींचा। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अपराधियों का विश्लेषण करके देखा जाए कि किन लोगों का पूर्व आपराधिक रिकार्ड नहीं है। ऐसे लोगों का चिन्हित किया जाए जो किसी के अकस्मात उत्तेजना दिलाए जाने, आवेगवश, आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के संपर्क में आने या नशे की लत के कारण या किसी अन्य मजबूरी में पहली बार अपराध कर बैठे हैं। ऐसे लोग जेल जाकर आपराधिक प्रवृत्ति या पेशेवर अपराधियों के संपर्क में आकर अपराधी बन जाते हैं। ऐसे लोगों को सुधारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि विचार परिवर्तन के माध्यम से एक असामाजिक या आपराधिक प्रवृति के व्यक्ति को सामाजिक एवं उत्तम नागरिक बनाया जाना सरल और स्थायी उपाय है। उन्होंने कहा कि पहले ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाएगा। फिर उनके लिए कार्यशालाओं का आयोजन होगा। उन्हें छोटे-छोटे समूहों में बुलाकर धर्म गुरुओं, सेवानिवृत्त न्यायाधीश, उच्च पुलिस अधिकारी, अधिवक्ता, उद्योगपति, जेल अधीक्षकों के संबोधन द्वारा वैचारिक परिवर्तन लाने की कोशिश की जाएगी। उन्हें योग और आध्यात्म भी सिखाया जाएगा। विशेषज्ञ इन लोगों को अपराध की दुनिया की दुर्गति और यातनाओं से अवगत कराकर मानव जीवन का मूल उद्देश्य समझाएंगे। उन्हें एक सामाजिक और परोपकारी इंसान बनाने का प्रयास किया जाएगा।