मेडिकल के छात्र करेंगे प्लाज्मा दान को प्रेरित

जिला आइएमए मेडिकल छात्रों की मदद से कोरोना वायरस के संक्रमण मात देकर घर लौटे लोगों को प्लाज्मा डोनेट के लिए प्रोत्साहित करेगा। इसके लिए आइएमए जल्द ही मेडिकल छात्रों को कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की सूची उपलब्ध कराएगा और छात्र इन कोरोना योद्धाओं को फोन पर प्लाज्मा देने की काउंसलिग करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 06:42 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 06:42 PM (IST)
मेडिकल के छात्र करेंगे प्लाज्मा दान को प्रेरित
मेडिकल के छात्र करेंगे प्लाज्मा दान को प्रेरित

अभिषेक शर्मा, फरीदाबाद :

आइएमए मेडिकल छात्रों की मदद से कोरोना संक्रमण को मात देकर घर लौटे लोगों को प्लाज्मा दान के लिए प्रोत्साहित करेगा। इसके लिए आइएमए जल्द मेडिकल छात्रों को कोरोना से स्वस्थ हुए लोगों की सूची उपलब्ध कराएगा। छात्र इन कोरोना योद्धाओं को फोन पर प्लाज्मा दान के लिए काउंसलिग करेंगे। कोरोना संक्रमण से मुक्त होने में प्लाज्मा थेरेपी कारगर है। इससे संक्रमित जल्द स्वस्थ हो सकते हैं।

आइसीएमआर ने ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज को संक्रमितों का प्लाज्मा थेरेपी से इलाज के लिए अनुमति दी है। प्लाज्मा थेरेपी से रिकवरी बहुत तेजी से हुई है। जिले में अब तक चार लोगों ने ही प्लाज्मा दान किया है। इसके बाद से आइएमए के पदाधिकारियों ने ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हुए लोगों की सूची मांगकर उन्हें प्लाज्मा दान के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश की थी, लेकिन इसके सकारात्मक परिणाम नहीं आए। आइएमए ने अब अपनी मुहिम में मेडिकल छात्रों को शामिल करने का फैसला किया है। यह छात्र कोरोना संक्रमण से छुटकारा पा चुके लोगों की काउंसलिग करेंगे और उन्हें प्लाज्मा दान को प्रोत्साहित करेंगे। प्लाज्मा देने को अलग है व्यवस्था

आइएमए पदाधिकारियों के अनुसार, ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज को कोविड अस्पताल बनाया गया है। कोरोना से स्वस्थ हुए लोगों को ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज में जाने से दोबारा संक्रमित होने का डर सताता है, जबकि ईएसआइसी प्रबंधन ने प्लाज्मा देने वालों के लिए अलग से व्यवस्था की है। वर्जन..

कोरोना संक्रमण की रोकथाम को आइएमए पूरी तरह प्रशासन के साथ है। प्लाज्मा दान कर चुके लोगों की भी मदद ली जाएगी। आइएमए मेडिकल छात्रों को अपने साथ जोड़ेगा। आइएमए सदस्य भी लोगों को प्रोत्साहित करेंगे। प्लाज्मा दान को लेकर कई भ्रांतियां है। इसमें एक ये भी है कि इससे शरीर कमजोर होता है। इस थेरेपी में पूरा रक्त निकालने की बजाय उसका केवल प्लाज्मा ही निकाला जाता है। इससे कोई कमजोरी नहीं आती।

-डॉ.सुरेश अरोड़ा, मीडिया प्रभारी, आइएमए

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