सूखी घास टूटे झूले, कहां खेलें बच्चे

अनिल बेताब, फरीदाबाद : भागदौड़ के इस जीवन में शुद्ध हवा पाने के लिए लोग पार्कों की ओर रुख

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Mar 2018 07:24 PM (IST) Updated:Tue, 06 Mar 2018 07:24 PM (IST)
सूखी घास टूटे झूले, कहां खेलें बच्चे
सूखी घास टूटे झूले, कहां खेलें बच्चे

अनिल बेताब, फरीदाबाद : भागदौड़ के इस जीवन में शुद्ध हवा पाने के लिए लोग पार्कों की ओर रुख करते हैं। शहर के बड़े पार्क जैसे एनआइटी रोज गार्डन, सेक्टर-12 का टाउन पार्क, सेक्टर 31 का पार्क, एनआइटी लेजरवैली पार्क, प्याली चौक का मिनी रोज गार्डन और बल्लभगढ़ का कल्पना चावला सिटी पार्क वास्तव में लोगों को ऑक्सीजन के रूप में जीवन दे रहा है, लेकिन बहुत से लोग इन पार्कों तक नहीं पहुंच पाते। वे अपने घरों के आसपास के पार्क में ही सुबह-शाम टहलना पसंद करते हैं। परीक्षाओं के बाद अब बच्चे भी पार्कों की ओर रुख करना चाहेंगे, मगर उनके सामने मजबूरी है कि वे सूखी घास और गंदगी भरे माहौल में कैसे टहलने जाएं। कई पार्कों में झूले नहीं हैं। कहीं हैं तो टूटे हुए हैं। जिन पार्कों की देखरेख की जिम्मेदारी आरडब्ल्यूए की है, वहां पार्कों की स्थिति बेहतर है। लेकिन नगर निगम पर निर्भर अधिकांश पार्कों की हालत दुरुस्त नजर नहीं आ रही है। लोग इंतजार में हैं कि कब पार्कों की हालत सुधरेगी।

नगर निगम क्षेत्र में हैं 626 पार्क

नगर निगम क्षेत्र में 626 पार्क हैं। कई पार्क आरडब्ल्यूए तो कई पार्क नगर निगम के संचालन में चल रहे हैं। एनआइटी जोन में 118 पार्क नगर निगम, तो 37 पार्कों का संचालन आरडब्ल्यूए कर रही है। इसी तरह 28 पार्कों की देखरेख की जिम्मेदारी हुडा तथा आरडब्ल्यूए की है। ओल्ड फरीदाबाद जोन में 106 पार्क नगर निगम, 122 आरडब्ल्यूए, 12 हुडा और आरडब्ल्यूए तथा दो पार्कों की देखरेख की जिम्मेदारी हुडा और नगर निगम की है। बल्लभगढ़ नगर निगम के पास 94, आरडब्ल्यूए को 62, हुडा, आरडब्ल्यूए की 41 पार्कों की देखरेख की जिम्मेदारी है।

जागरण सुझाव

-पार्को की देखभाल के लिए सामाजिक संगठनों और आरडब्ल्यूए को आगे आना चाहिए।

-राष्ट्रहित में लोग अपनी जिम्मेदारी समझते हुए स्वच्छ भारत मिशन को कामयाब करें, तभी पर्यावरण सुरक्षित रहेगा और वातावरण मिलेगा।

-नगर निगम पार्षद अपने वार्डों के पार्को की निगरानी रखें।

-सफाई कर्मचारी नियमित रूप से पार्कों की सफाई पर ध्यान दे। लोग भी गंदगी न फैलाएं।

एक नंबर एफ ब्लॉक पार्क की दशा ठीक नहीं

अभियान के तहत वार्ड नंबर 12 के अंतर्गत आने वाले एक नंबर एफ ब्लाक पार्क की हालत की पड़ताल की तो वहां झूले टूटे मिले, पार्क की घास सूखी थी। कहीं जले हुए पत्ते दिखाई दिए तो कहीं गंदगी।

हमारे पार्क की हालत बड़ी खराब है। कई बार तो पार्क में ही कूड़ा जलता दिखाई देता है। आसपास सफाई कर्मचारी भी नियमित रूप से नहीं आते। पेपर के बाद अब बच्चे कहां खेलने जाएंगे।

-सरला देवी, एनआइटी एक नंबर एफ ब्लाक निवासी।

पार्क में कूड़ादान नहीं है। घास सूखी हुई है। कई बार नगर निगम में शिकायत की है, कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आसपास और कोई पार्क नहीं है। नगर निगम शहर के हर पार्क को स्मार्ट बनाए, तभी बात बनेगी।

-चंदर अरोड़ा, समाजसेवी।

भागमभाग के इस जीवन में आज पार्क में आकर ही थोड़ा सा सुकून मिलता है। पार्क में साफ-सफाई होनी चाहिए, झूले लगने चाहिए, जिससे कि बच्चे भी यहां आकर खेल सकें।

-श्रीराम स्वरूप।

एक नंबर एफ ब्लाक पार्क की दशा सुधारी जाएगी। पार्क की चारदीवारी पेंट की जाएगी। पार्क में झूले भी लगाए जाने हैं। इस पार्क पर लगभग 6 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। ठेकेदार को काम सौंप दिया गया है। डेढ़ महीने में पार्क का स्वरूप बदल दिया जाएगा।

-सुमन बाला, महापौर, नगर निगम।

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