US : यूनाइटेड नेशन वालिंटियरिंग अवार्ड में आकृति गुप्ता करेंगी जिले का प्रतिनिधित्व

कैंसर रोगियों के उत्थान के लिए कार्य करने वाले सीए अरुण गुप्ता और उनकी पत्नी कविता वैद्य गुप्ता की पुत्री आकृति गुप्ता का नाम यूनाइटेड नेशन वालिंटियरिंग अवार्ड के लिए चयनित हुआ है। कोरोना संक्रमण की वजह से आकृति को यह सम्मान पांच दिसंबर को आनलाइन कार्यक्रम में दिया जाएगा।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 07:27 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 07:27 PM (IST)
US : यूनाइटेड नेशन वालिंटियरिंग अवार्ड में आकृति गुप्ता करेंगी जिले का प्रतिनिधित्व
आकृति गुप्ता का नाम यूनाइटेड नेशन वालिंटियरिंग अवार्ड के लिए चयनित हुआ है। (फाइल फोटो)

अभिषेक शर्मा, फरीदाबाद। कैंसर रोगियों के उत्थान के लिए कार्य करने वाले सीए अरुण गुप्ता और उनकी पत्नी कविता वैद्य गुप्ता की पुत्री आकृति गुप्ता का नाम यूनाइटेड नेशन वालिंटियरिंग अवार्ड के लिए चयनित हुआ है। कोरोना संक्रमण की वजह से आकृति को यह सम्मान पांच दिसंबर को आनलाइन कार्यक्रम में दिया जाएगा। कार्यक्रम यूनाइटेड नेशन और युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में होगा । आकृति के अलावा देश के विभिन्न जिलों से नौ और युवाओं को इस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। आकृति ने इस अवार्ड के लिए आवेदन किया था और इसके बाद सात नवंबर को टेलीफोनिक साक्षात्कार हुआ था।

आकृति ने बताया कि उनके पिता सीए अरुण गुप्ता कैंसर मरीज रह चुके हैं और उन स्वजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। उन सब परेशानियों को परिकल्पना करते हुए कैंसर मरीजों की मदद के लिए विन ओवर कैंसर की स्थापना की गई थी और विद्यालय शिक्षा पूरी करने के बाद से कैंसर पीड़ितों की मदद, लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रही हैं। उस समय आकृति 17 वर्ष की थी। उन्होंने बताया कि कैंसर का नाम सुनकर लोग सिर्फ मौत की कल्पना करते हैं। बीमारी को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां है। इन्हें दूर करने की आवश्यकता है, जो सिर्फ जागरुकता कार्यक्रम से आती है।

कैन फेम स्टार्टअप किया शुरू

आकृति ने बताया कि उन्होंने बताया कि वह स्तन कैंसर के विशेष रूप से कार्य करती हैं और महिला को रोजगार देकर आत्मनिर्भर भी बना रही है। कैन फेम स्टार्टअप शुरू किया है। वह स्तन कैंसर पीड़ित महिलाओं के लिए प्रोस्थेटिक ब्रा तैयार कराती है और इसमें कार्य करने वाली सभी महिलाएं हैं और सात के करीब महिलाएं काम करती हैं। इसके अलावा कैंसर पीड़ित को अपने जीवन को सामान्य तरीके से कैसे व्यतीत करते हैं। इसके लिए जल्द ही एक ग्रुप तैयार करेंगी। इसमें कैंसर मरीज अपने अनुभव साझा कर करेंगे और एक दूसरे को जीवन के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

देश का प्रतिनिधित्व भी कर चुकी हैं 

आकृति ने बताया कि उन्होंने ग्लोबल स्टूडेंट एंट्रोप्रेन्योर अवार्ड में देश का प्रतिनिधित्व किया था। इनमें भारत के अलावा अन्य 50 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था और वहां पर स्वर्ण पदक जीता था। यह कार्यक्रम दक्षिण अफ्रीका में होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से आनलाइन कराया गया था। वहीं अब मार्च में सिंगापुर इंटरनेशनल फाउंडेशन की ओर से होने यंग सोशल एंट्रोप्रेन्योर कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी। 

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