फरीदाबाद-गुरुग्राम टोल बैरियर पर पीक आवर में रोजाना लगता है ट्रैफिक जाम

Traffic jam on Faridabad Gurugram toll टोल संचालक जाम से छुटकारा दिलाने की बजाय सिर्फ और सिर्फ टोल वसूलने पर ही ध्यान केंद्रित होता है। वाहन चालक यदि टोल संचालकों से जाम से निजात दिलाने को व्यवस्था बनाने का आग्रह करते हैं तो उन्हें दुर्व्यवहार का शिकार होना पड़ता है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 19 Aug 2021 09:00 AM (IST) Updated:Thu, 19 Aug 2021 09:00 AM (IST)
फरीदाबाद-गुरुग्राम टोल बैरियर पर पीक आवर में रोजाना लगता है ट्रैफिक जाम
फरीदाबाद-गुरुग्राम टोल बैरियर पर पीक आवर में रोजाना लगता है ट्रैफिक जाम

नई दिल्ली/फरीदाबाद [बिजेंद्र बंसल]। फरीदाबाद-गुरुग्राम टोल बैरियर पर फास्टैग की सुविधा नहीं होने से यहां पर रोजाना पीक आवर में जाम लगने लगा है। इस कड़ी में बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे से जाम लगा हुआ है। उधर, टोलकर्मियों वाहन चालकों की कतई चिंता नहीं है। रोजाना हो रही इस समस्या को लोग सरकार के सामने भी उठा चुके हैं, लेकिन अब तक इसका कोई निदान नहीं हो सका है। 

बता दें कि जरा सी बरसात होते ही फरीदाबाद-गुरुग्राम मार्ग पर बने टोल बैरियर पर वाहनों का लंबा जाम लग जाता है। टोल संचालक लोगों को जाम से छुटकारा दिलाने की बजाय सिर्फ और सिर्फ टोल वसूलने पर ही ध्यान केंद्रित होता है। वाहन चालक यदि टोल संचालकों से जाम से निजात दिलाने को व्यवस्था बनाने का आग्रह करते हैं तो उन्हें दुर्व्यवहार का शिकार होना पड़ता है।

उधर, शिकायत के लिए इस टोल बैरियर पर कोई व्यवस्था नहीं है। बरसात नहीं होने पर भी इस बैरियर पर सुबह-शाम जाम की स्थिति रहती है। इसका कारण यह है कि यहां राष्ट्रीय राजमार्गों की तरह फास्टटैग की सुविधा नहीं है। दैनिक यात्रा करने वाले वाहन चालकों को अलग से स्मार्ट कार्ड बनवाना होता है। स्मार्ट कार्ड धारकों के लिए यूं तो यहां दो लाइन अलग हैं मगर इसमें भी अन्य वाहन चालक आ जाने से स्थिति यथावत रहती है।

फरीदाबाद से गुरुग्राम के इस मार्ग को वाहन चालक दिल्ली के छतरपुर क्षेत्र और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए करते हैं। मांगर गांव के बाद बने फ्लाइओवर का काम पूरा होने के बाद यह मार्ग वैसे तो पूरी तरह सुगम है मगर टोल बैरियर पर आकर लोग परेशानी झेलते हैं। इस टोल बैरियर का संचालन राज्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) करता है। लेकिन टोल वसूली का काम एक निजी एजेंसी करती है। इस एजेंसी ने टोल वसूली से अलग पहलवान भी बैरियर पर तैनात किए हुए हैं। वाहन चालकों से दुर्व्यवहार करने में ये पहलवान एक मिनट का भी समय नहीं लगाते। पुलिस भी इनके बारे में कोई शिकायत नहीं सुनती। पुलिस तक मामला पहुंचने पर सिर्फ समझौता ही होता है।

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